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"दाग़ मेरे भी दामन पर है, दाग़दार तो मैं भी / डी .एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर
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+ | जुल्म करे कोई भी लेकिन शर्मसार तो मैं भी | ||
+ | चंद दबंगों ने रामू को तड़पाकर मारा था | ||
+ | मैं ख़ामोश अगर हूं तो फिर गुनहगार तो मैं भी | ||
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+ | अच्छे दिन आयेंगे उसकी झूठी इन बातों में | ||
+ | धोखा खा बैठा था यारो , एक बार तो मैं भी | ||
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+ | देशभक्त होने का कोई दावा करता है क्या | ||
+ | अपने प्यारे वतन के लिए जांनिसार तो मैं भी | ||
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+ | सोने की चिड़िया कहलाने वाला देश यही क्या | ||
+ | दिल पर कितना बोझ लदा है कर्ज़दार तो मैं भी | ||
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+ | माली ही यदि गुलशन का दुश्मन बन बैठे तो फिर | ||
+ | किसको दिल का दर्द सुनाऊं बेक़रार तो मैं भी | ||
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+ | आगे के बारे में सोचो कहा परिंदे ने फिर | ||
+ | तन्हा तुम ही नहीं हो घायल हूं शिकार तो मैं भी | ||
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22:26, 14 दिसम्बर 2022 के समय का अवतरण
दाग़ मेरे भी दामन पर है , दाग़दार तो मैं भी
जुल्म करे कोई भी लेकिन शर्मसार तो मैं भी
चंद दबंगों ने रामू को तड़पाकर मारा था
मैं ख़ामोश अगर हूं तो फिर गुनहगार तो मैं भी
अच्छे दिन आयेंगे उसकी झूठी इन बातों में
धोखा खा बैठा था यारो , एक बार तो मैं भी
देशभक्त होने का कोई दावा करता है क्या
अपने प्यारे वतन के लिए जांनिसार तो मैं भी
सोने की चिड़िया कहलाने वाला देश यही क्या
दिल पर कितना बोझ लदा है कर्ज़दार तो मैं भी
माली ही यदि गुलशन का दुश्मन बन बैठे तो फिर
किसको दिल का दर्द सुनाऊं बेक़रार तो मैं भी
आगे के बारे में सोचो कहा परिंदे ने फिर
तन्हा तुम ही नहीं हो घायल हूं शिकार तो मैं भी