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"अग्नि पथ पर चल पड़ा क्या सोचना अंजाम अब / डी .एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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अग्नि पथ पर चल पड़ा  क्या सोचना अंजाम अब
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कल यही दुनिया नकारा मानती थी दोस्तो
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सोच कर खुश हूँ बहुत गूंजेगा मेरा नाम अब
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गर हुनर है पास अपने तो असंभव कुछ नहीं
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दोस्तो मैं दे रहा दुनिया को यह पैग़ाम अब
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नाम सुन लेगा तो दुश्मन कांपने लग जायगा
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ख़ौफ़ खायेगा ज़माना मुझसे सुबहो, शाम अब
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आग पर चलने का हमने रास्ता ख़ुद ही चुना
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क्यों किसी के सर पे फिर आये कोई  इल्ज़ाम अब
 
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15:47, 15 दिसम्बर 2022 के समय का अवतरण

अग्नि पथ पर चल पड़ा क्या सोचना अंजाम अब
हाथ में बंदूक होगी देख लेना काम अब

कल यही दुनिया नकारा मानती थी दोस्तो
सोच कर खुश हूँ बहुत गूंजेगा मेरा नाम अब

गर हुनर है पास अपने तो असंभव कुछ नहीं
दोस्तो मैं दे रहा दुनिया को यह पैग़ाम अब

नाम सुन लेगा तो दुश्मन कांपने लग जायगा
ख़ौफ़ खायेगा ज़माना मुझसे सुबहो, शाम अब

आग पर चलने का हमने रास्ता ख़ुद ही चुना
क्यों किसी के सर पे फिर आये कोई इल्ज़ाम अब