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"हँसो या ना हँसो मातम मुझे नहीं अच्छा लगता / डी .एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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हँसो या ना हँसो मातम मुझे अच्छा नहीं लगता
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तुम्हारे शहर का मौसम मुझे अच्छा नहीं लगता
  
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कई बादल हैं ऐसे जो  बिना बरसे निकल जाते
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अगर आँसू न हो तो ग़म मुझे अच्छा नहीं लगता
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समन्दर सूख जाये तो मुझे क्या फ़र्क़ पड़ता है
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मगर आँखों  में पानी कम मुझे अच्छा नहीं लगता
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हज़ारों  ज़ख़्म  ऐसे हैं जो मेरे साथ जायेंगे
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कि उन ज़ख़्मों पे अब  मरहम मुझे अच्छा नहीं लगता
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बडे़ होकर मेरे बेटे श्रवण से कम नहीं होंगे
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ये झूठा और मीठा  भ्रम मुझे अच्छा नहीं लगता
 
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17:23, 15 दिसम्बर 2022 के समय का अवतरण

हँसो या ना हँसो मातम मुझे अच्छा नहीं लगता
तुम्हारे शहर का मौसम मुझे अच्छा नहीं लगता

कई बादल हैं ऐसे जो बिना बरसे निकल जाते
अगर आँसू न हो तो ग़म मुझे अच्छा नहीं लगता

समन्दर सूख जाये तो मुझे क्या फ़र्क़ पड़ता है
मगर आँखों में पानी कम मुझे अच्छा नहीं लगता
                                  
हज़ारों ज़ख़्म ऐसे हैं जो मेरे साथ जायेंगे
कि उन ज़ख़्मों पे अब मरहम मुझे अच्छा नहीं लगता

बडे़ होकर मेरे बेटे श्रवण से कम नहीं होंगे
ये झूठा और मीठा भ्रम मुझे अच्छा नहीं लगता