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"मौत के बाद का किसने जहान देखा है / डी .एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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उसकी आंखें जो बोलती हैं उसे सुनिए भी
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कैसे कहते हो उसको  बेजुबान देखा है
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रंग रोगन लगा के खूब चमकदार  किया
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किंतु पल में जो ढह गया मकान देखा है
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जिसका पैग़ाम सिर्फ़ पा के लोग चल देते
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किसने ऐसा महान मेज़बान देखा है
 
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19:54, 15 दिसम्बर 2022 के समय का अवतरण

मौत के बाद का किसने जहान देखा है
कुछ कहा, कुछ सुना कोरा बयान देखा है

कोई जन्नत न कोई मैंने जहन्नुम देखा
सर उठाया तो सिर्फ़ आसमान देखा है

जैसे पंछी उड़ा बहेलिया पड़ा पीछे
उसके माथे पे चोट का निशान देखा है

उसकी आंखें जो बोलती हैं उसे सुनिए भी
कैसे कहते हो उसको बेजुबान देखा है

रंग रोगन लगा के खूब चमकदार किया
किंतु पल में जो ढह गया मकान देखा है

जिसका पैग़ाम सिर्फ़ पा के लोग चल देते
किसने ऐसा महान मेज़बान देखा है