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"समन्दर की लहर पहचानता हूँ क्या करूँ लेकिन / डी .एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर
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+ | मुझे मालूम है जाना मुझे है किस दिशा में,पर | ||
+ | मैं कश्ती की दशा भी देखता हूँ क्या करूँ लेकिन | ||
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+ | कहाँ खामोश रहना चाहता हूँ क्या करूँ लेकिन | ||
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+ | तेरे कूचे से जाना चाहता हूँ क्या करूँ लेकिन | ||
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22:11, 15 दिसम्बर 2022 के समय का अवतरण
समन्दर की लहर पहचानता हूँ क्या करूँ लेकिन
हवा का रूख़ बदलना चाहता हूँ क्या करूँ लेकिन
मुझे मालूम है जाना मुझे है किस दिशा में,पर
मैं कश्ती की दशा भी देखता हूँ क्या करूँ लेकिन
जवानी थी कमाता था तो देता था तुम्हें बेटा
बुढ़ापा आ गया तो माँगता हूँ क्या करूँ लेकिन
मुझे मालूम है किसने लगायी आग पानी में
धुआँ जो उठ रहा है देखता हूँ क्या करूँ लेकिन
हुए जो ज़ुल्म मज़लूमों पे उसको जानता हूँ मै
कहाँ खामोश रहना चाहता हूँ क्या करूँ लेकिन
जिधर भी देखता हूँ रास्ते सब बंद पाता हूँ
तेरे कूचे से जाना चाहता हूँ क्या करूँ लेकिन