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लौटते कभी नहीं
आँसू में गाए दिन
ओस में नहाए दिन ।
सुधियों कि गोद में
रात-रात जागकर
भारी पलकों में सजे
उलझी अलकों में सजे
बीते जो तुम्हारे बिन
लौटते नहीं कभी ।
पहुँच किसी मोड़ पररिश्ते सभी छोड़करफिर दूर तक निहारतेउस प्यार को पुकारतेफिसले हाथ से जो छिनलौटते कभी नहीं ।-0-
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