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Kavita Kosh से
/* कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ */
*[[तुमको खुद ही लड़ना होगा / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु ]]
*[[तुमने मान लिया / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’]]
*[[तुम सर्दी की धूप ! / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’]]
*[[तेरी वो रुलाई / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’]]
*[[दर्पण की धूल / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’]]