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"तेरे बिन / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’" के अवतरणों में अंतर
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− | बीती कितनी रातें, सोने के दिन | + | बीती कितनी रातें, |
− | मतवाले छिन, सब तेरे बिन, | + | सोने के दिन |
+ | मतवाले छिन, | ||
+ | सब तेरे बिन, | ||
इसे कोई न जाने। | इसे कोई न जाने। | ||
− | आई कितनी सुधियाँ, उलझी अलकें | + | आई कितनी सुधियाँ, |
− | बोझिल पलकें, आँसू ढलके, | + | उलझी अलकें |
+ | बोझिल पलकें, | ||
+ | आँसू ढलके, | ||
अधर दे रहे ताने। | अधर दे रहे ताने। | ||
− | हिचकी बुनती सपने, पथ है निर्जन | + | हिचकी बुनती सपने, |
− | सोए हैं बन, भारी है मन, | + | पथ है निर्जन |
+ | सोए हैं बन, | ||
+ | भारी है मन, | ||
दर्द लगा लहराने। | दर्द लगा लहराने। | ||
− | तन की मन से, कितनी कैसी दूरी | + | तन की मन से, |
− | कब हो पूरी, साँस अधूरी | + | कितनी कैसी दूरी |
+ | कब हो पूरी, | ||
+ | साँस अधूरी | ||
सौ-सौ गढ़े बहाने। | सौ-सौ गढ़े बहाने। | ||
− | बिछुड़ गए सब साथी, पथ पर चलकर | + | बिछुड़ गए सब साथी, |
− | रूप बदलकर, हमको छलकर | + | पथ पर चलकर |
+ | रूप बदलकर, | ||
+ | हमको छलकर | ||
सब जाने- पहचाने। | सब जाने- पहचाने। | ||
'''-0-[ 19-9-85:सैनिक समाचार-20-4-86]''' | '''-0-[ 19-9-85:सैनिक समाचार-20-4-86]''' | ||
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06:45, 28 दिसम्बर 2022 के समय का अवतरण
बीती कितनी रातें,
सोने के दिन
मतवाले छिन,
सब तेरे बिन,
इसे कोई न जाने।
आई कितनी सुधियाँ,
उलझी अलकें
बोझिल पलकें,
आँसू ढलके,
अधर दे रहे ताने।
हिचकी बुनती सपने,
पथ है निर्जन
सोए हैं बन,
भारी है मन,
दर्द लगा लहराने।
तन की मन से,
कितनी कैसी दूरी
कब हो पूरी,
साँस अधूरी
सौ-सौ गढ़े बहाने।
बिछुड़ गए सब साथी,
पथ पर चलकर
रूप बदलकर,
हमको छलकर
सब जाने- पहचाने।
-0-[ 19-9-85:सैनिक समाचार-20-4-86]