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"तुम मुझे झुका सकते हो क्या? / इंग्रिद स्तोरहोलमिन / शुचि मिश्रा" के अवतरणों में अंतर
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23:46, 15 जनवरी 2023 के समय का अवतरण
एक युग हुआ शीघ्र ही
क्या सम्भव था और है
प्रेम का स्पर्श
तुम मुझे झुका सकते हो क्या ?
भीतर से बाहर और बाहर से भीतर
एक फूल की तरह, ऊष्मा की तरह
जो कितने भिन्न-भिन्न
तुमने मेरा नाम रखा है कहानी
बहुत विराट सम्भावना है इसमें
— कहती हूँ मैं !
अँग्रेज़ी से अनुवाद : शुचि मिश्रा