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"मेरी भी आभा है इसमें / नागार्जुन" के अवतरणों में अंतर
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नए गगन में नया सूर्य जो चमक रहा है | नए गगन में नया सूर्य जो चमक रहा है | ||
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यह विशाल भूखंड आज जो दमक रहा है | यह विशाल भूखंड आज जो दमक रहा है | ||
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मेरी भी आभा है इसमें | मेरी भी आभा है इसमें | ||
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भीनी-भीनी खुशबूवाले | भीनी-भीनी खुशबूवाले | ||
− | + | रंग-बिरंगे | |
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यह जो इतने फूल खिले हैं | यह जो इतने फूल खिले हैं | ||
− | + | कल इनको मेरे प्राणों ने नहलाया था | |
− | कल इनको मेरे प्राणों | + | |
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कल इनको मेरे सपनों ने सहलाया था | कल इनको मेरे सपनों ने सहलाया था | ||
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पकी सुनहली फसलों से जो | पकी सुनहली फसलों से जो | ||
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अबकी यह खलिहाल भर गया | अबकी यह खलिहाल भर गया | ||
− | + | मेरी रग-रग के शोणित की बूंदें इसमें मुसकाती हैं | |
− | मेरी रग-रग के शोणित की | + | |
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नए गगन में नया सूर्य जो चमक रहा है | नए गगन में नया सूर्य जो चमक रहा है | ||
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यह विशाल भूखंड आज जो चमक रहा है | यह विशाल भूखंड आज जो चमक रहा है | ||
− | 1961 | + | '''रचनाकाल : 1961 |
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21:36, 26 जनवरी 2023 के समय का अवतरण
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नए गगन में नया सूर्य जो चमक रहा है
यह विशाल भूखंड आज जो दमक रहा है
मेरी भी आभा है इसमें
भीनी-भीनी खुशबूवाले
रंग-बिरंगे
यह जो इतने फूल खिले हैं
कल इनको मेरे प्राणों ने नहलाया था
कल इनको मेरे सपनों ने सहलाया था
पकी सुनहली फसलों से जो
अबकी यह खलिहाल भर गया
मेरी रग-रग के शोणित की बूंदें इसमें मुसकाती हैं
नए गगन में नया सूर्य जो चमक रहा है
यह विशाल भूखंड आज जो चमक रहा है
रचनाकाल : 1961