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"मैं भटकता हूँ अभी / मोहम्मद मूसा खान अशान्त" के अवतरणों में अंतर

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17:28, 28 फ़रवरी 2023 के समय का अवतरण

मैं भटकता हूँ अभी तक किसी बादल की तरह
अपने सीने से लगा लो मुझे आँचल की तरह

इतनी नफ़रत से न तू देख मेरी जानिब यार
टूट जाऊंगा तेरे पाँव की पायल की तरह

तूने छोड़ा था मेरा साथ जहां पर हमदम
अब भी बैठा हूँ उसी मोड़ पे घायल की तरह

तेरी इन मस्त निगाहों का है आशिक़ मूसा
अपनी आंखों में बसा ले इसे काज़ल की तरह