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"मैं भटकता हूँ अभी / मोहम्मद मूसा खान अशान्त" के अवतरणों में अंतर
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मैं भटकता हूँ अभी तक किसी बादल की तरह
अपने सीने से लगा लो मुझे आँचल की तरह
इतनी नफ़रत से न तू देख मेरी जानिब यार
टूट जाऊंगा तेरे पाँव की पायल की तरह
तूने छोड़ा था मेरा साथ जहां पर हमदम
अब भी बैठा हूँ उसी मोड़ पे घायल की तरह
तेरी इन मस्त निगाहों का है आशिक़ मूसा
अपनी आंखों में बसा ले इसे काज़ल की तरह