भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"आदमखोरों के नाम पत्र / तादेयुश रोज़ेविच / असद ज़ैदी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 7: पंक्ति 7:
 
{{KKCatKavita}}
 
{{KKCatKavita}}
 
<poem>
 
<poem>
”’पहला अनुवाद”’
+
'''पहला अनुवाद'''
  
 
प्रिय आदमख़ोरो
 
प्रिय आदमख़ोरो
पंक्ति 45: पंक्ति 45:
 
कभी भी किसी भी तरह
 
कभी भी किसी भी तरह
  
”’दूसरा अनुवाद”’
+
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : असद ज़ैदी'''
 +
 
 +
'''दूसरा अनुवाद'''
  
 
प्यारे आदमखोरो !
 
प्यारे आदमखोरो !

06:10, 9 मई 2023 के समय का अवतरण

पहला अनुवाद

प्रिय आदमख़ोरो
मत भन्नाओ
उस आदमी पर
जो रेल के डिब्बे में
बैठने की जगह चाहता है

इस बात को कृपया समझो
कि दूसरे इन्सान को भी मिली हैं
दो टाँगें और चूतड़

प्रिय आदमख़ोरो
एक लम्हे के लिए सब्र करो
मत कुचलो कमज़ोर को
मत पीसो अपने दाँत

कृपया समझो
कि और भी बहुत से लोग हैं और आगे होंगे
इनके अलावा बहुत से लोग
ज़रा सरको जगह दो

प्रिय आदमख़ोरो
ख़रीद मत डालो
सारी मोमबत्तियाँ तमाम जूतों के तस्मे तमाम नूडल
मत कहते रहो सबसे पीठ मोड़कर –
मैं मुझे मुझको मेरा
मेरा उदर मेरे बाल
मेरे दाने मेरी पतलून
मेरी बीवी मेरे बच्चे
मेरी राय

प्रिय आदमख़ोरो
बेहतर हो हम एक दूसरे को न फाड़ खाएँ
क्योंकि नहीं होने जा रहा है हमारा पुनरुत्थान

कभी भी किसी भी तरह

अँग्रेज़ी से अनुवाद : असद ज़ैदी

दूसरा अनुवाद

प्यारे आदमखोरो !
मत खीजो
उस आदमी पर
जो रेल के डिब्बे में
महज़ बैठने की जगह माँगता है

कृपया, इस बात को समझो
कि दूसरे लोगों की भी
दो टाँगें और चूतड़ होते हैं

प्यारे आदमखोरो !
एक सेकेण्ड रुको
कमज़ोर को रौन्दो मत
मत पीसो अपने दाँत

कृपया, इस बात को समझो
कि बहुत से लोग यहाँ हैं
और भी बहुत से आएँगे
थोड़ा उधर सरको
जगह दो

प्यारे आदमखोरो !
मत ख़रीद डालो तमाम मोमबत्तियाँ
तमाम जूतों के तस्मे
तमाम नूडल
पीठ फेर कर मत रटते रहो —
मैं ,मुझे, मेरा, मेरे लिए
मेरा आमाशय, मेरे बाल
मेरा गल्ला, मेरा पाजामा
मेरी बीवी, मेरे बच्चे
मेरी राय

 प्यारे आदमखोरो !
 बेहतर हो, हम एक दूसरे को चबा न जाएँ
 ठीक न
 क्योंकि निश्चय ही
 हमारा पुनरुत्थान नहीं होने जा रहा है ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : असद ज़ैदी