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तेज़ हवाओं का सामना करते हैं पत्थर
हो जाते हैं चमकदार सफ़ेद
रोशनी लाते हैं पत्थर
पत्थर नहीं चाहते
नीचे उतरना,
गिरना भी नहीं चाहते वे
न ही चोट खाना चाहते हैं ।
कोमल जंगली गुलाबों की तरह खिलते हैं वे
बहते हैं तुम्हारी तरफ़,
ओ मेरी शान्त प्रिया !
मेरी सच्ची प्रिया !
 
तुम उन्हें जोड़ती हो
इकट्ठा करती हो तुम उन्हें
अपने उन कोमल हाथों से
दूसरों के हाथों की तरह हैं जो,
तुम उन्हें और चमकाना चाहती हो ।
 
उनके लिए किसी को रोने की ज़रूरत नहीं है
न ही उन्हें नया नाम देने की कोई ज़रूरत है ।
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
they float
toward you, my quiet one,
you, my true one—one —:
I see you, you gather them with my
так парят они
к тебк, моя тихая,
моя верная -:
Я вижу тебя, ты их собираешь моими
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