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अनतोनिओ मचादो

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/* कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ */
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|चित्र=Antonio-Machado.jpg
|नाम=अनतोनिओ मचादो
|उपनाम=Antonio Cipriano José María Machado Ruiz
|मृत्यु=22 फ़रवरी 1939
|कृतियाँ=अकेलापन, गैलरी और अन्य कविताएँ (1907), कस्तिले के मैदान (1912), नए गीत (1924), अबेल मार्तीन के धार्मिक गीत।
|विविध= रूसी कवि इओसिफ़ ब्रोदस्की के प्रिय कवि थे अनतोनिओ मचादो। ब्रोदस्की ने इन्हें स्पानी भाषा का सर्वश्रेष्ठ कवि माना है। इनकी सम्पूर्ण कविताओं का संग्रह सिर्फ़ 500 पृष्ठों का है, जिसके साथ 300 पृष्ठों में इन कविताओं के बारे में पाद-टिप्पणियाँ हैं।मचादो का मानना था कि कवि भी अपने समय के यथार्थ से प्रभावित होता है, लेकिन कवि एक विशेष उद्देश्य के लिए लिखता है, इसलिए उसे वो अभिव्यक्त करना चाहिए, जिसे अभिव्यक्त करना सम्भव नहीं है और उसे वे बातें कहनी चाहिए, जो अकथनीय हैं। कवि के रूप में यह उनका अपना यही निजी दर्शन था। इसीलिए मचादो की कविताओं में कहीं भी अमूर्त प्रतीक नहीं मिलते। मचादो उन्हीं प्रतीकों का अपनी कविता में इस्तेमाल करते हैं, जो वास्तविक हैं और जिन्हें कवि ने ख़ुद अनुभव किया है। इसीलिए उनकी कविता में भू-दृश्यों की भरमार है। उनकी कविता में व्यक्त मार्ग ’मनुष्य की राहे’ हैं, कविता में व्यक्त नदियाँ ’समय का प्रवाह’ हैं, समुद्र अस्तित्त्व के रहस्य का प्रतीक है और कविता में मृत्यु एक ऐसा रहस्य है, जिसकी आज तक किसी भी चीज़ से तुलना करना असम्भव है। कवि इन सभी अवधारणाओं को मिथकीय स्तर से अपनी कविता में एक सामान्य स्तर तक ले आता है। उनका कहना था — मेरे गीतों में मनुष्य जीवन का सार और उसका पूरा अस्तित्त्व अभिव्यक्त होता है।|जीवनी=[[ अनतोनिओ मचादो / परिचय]]|अंग्रेज़ीनाम=Antonio Machado
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}}
====कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ====
* [[मृत चौराहे पर / अनतोनिओ मचादो / अनिल जनविजय]]
* [[हमेशा भागती ही रहती हो तुम / अनतोनिओ मचादो / अनिल जनविजय]]
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