भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"हाँ तेरा इंतज़ार है अब तक / अमीता परसुराम मीता" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अमीता परशुराम मीता |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

12:30, 11 अगस्त 2023 के समय का अवतरण

हाँ तेरा इंतज़ार है अब तक
मुझमें इक जाँनिसार1 है अब तक 

वो जो मेरा कभी हुआ ही नहीं 
उसका ही इख़्तियार2 है अब तक 

कोई उम्मीद तो नहीं फिर भी
इक हसीं इंतज़ार है अब तक 

क्या ये आवारगी की मंज़िल है? 
हर क़दम सू-ए-यार3 है अब तक 

हर जनम आग में जली सीता
फिर भी वो दाग़दार है अब तक

1. जान देने वाला 2. पकड़ 3. महबूब की तरफ़