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"कार्लोस ओकेन्दो दे आमात" के अवतरणों में अंतर
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|मृत्यु=06 मार्च 1936, गुआदराम्मा, स्पेन | |मृत्यु=06 मार्च 1936, गुआदराम्मा, स्पेन | ||
|कृतियाँ=पाँच मीटर कविताएँ (1927) एकमात्र कविता-संग्रह | |कृतियाँ=पाँच मीटर कविताएँ (1927) एकमात्र कविता-संग्रह | ||
− | |विविध=इनका संग्रह सचमुच किताब के पन्ने एक-दूसरे से लम्बाई में जोड़कर ही छापा गया था और उसकी लम्बाई पाँच मीटर ही थी। नेरुदा और वेलुओ के साथ-साथ इन्हें भी लातिनी अमेरिकी कविता में अवाँगार्द कविता आन्दोलन का एक प्रमुख कवि माना जाता है। हिन्दी में पहली बार कवि प्रभाती नौटियाल ने मूल स्पानी भाषा से इनकी कविताओं के अनुवाद हिन्दी में पेश किए। | + | |विविध=इनका संग्रह सचमुच किताब के पन्ने एक-दूसरे से लम्बाई में जोड़कर ही छापा गया था और उसकी लम्बाई पाँच मीटर ही थी। नेरुदा और वेलुओ के साथ-साथ इन्हें भी लातिनी अमेरिकी कविता में अवाँगार्द कविता आन्दोलन का एक प्रमुख कवि माना जाता है। हिन्दी में पहली बार कवि प्रभाती नौटियाल ने मूल स्पानी भाषा से इनकी कविताओं के अनुवाद हिन्दी में पेश किए। महज 31 वर्षों के संक्षिप्त जीवन में उन्होंने छन्दोबद्ध काव्य–रचना पर असाधारण महारत हासिल कर ली थी और जिसके लिए उन्हें स्पानी साहित्य में विशेष स्थान प्राप्त है। पेरू में अग्रिम पंक्ति के कवियों में उनका नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है। कोलकाता से नौ पेरूवियाई कवियों के त्रिभाषी स्पानी- हिन्दी-बांग्ला संस्करण में इनकी कविताएँ संकलित हैं। |
|जीवनी=[[कार्लोस ओकेन्दो दे आमात / परिचय]] | |जीवनी=[[कार्लोस ओकेन्दो दे आमात / परिचय]] | ||
|अंग्रेज़ीनाम=Carlos Oquendo de Amat | |अंग्रेज़ीनाम=Carlos Oquendo de Amat |
18:18, 3 सितम्बर 2023 का अवतरण
कार्लोस ओकेन्दो दे आमात
जन्म | 17अप्रैल 1905 |
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निधन | 06 मार्च 1936, गुआदराम्मा, स्पेन |
उपनाम | Carlos Oquendo de Amat |
जन्म स्थान | ओहो, पुनो, पेरु |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
पाँच मीटर कविताएँ (1927) एकमात्र कविता-संग्रह | |
विविध | |
इनका संग्रह सचमुच किताब के पन्ने एक-दूसरे से लम्बाई में जोड़कर ही छापा गया था और उसकी लम्बाई पाँच मीटर ही थी। नेरुदा और वेलुओ के साथ-साथ इन्हें भी लातिनी अमेरिकी कविता में अवाँगार्द कविता आन्दोलन का एक प्रमुख कवि माना जाता है। हिन्दी में पहली बार कवि प्रभाती नौटियाल ने मूल स्पानी भाषा से इनकी कविताओं के अनुवाद हिन्दी में पेश किए। महज 31 वर्षों के संक्षिप्त जीवन में उन्होंने छन्दोबद्ध काव्य–रचना पर असाधारण महारत हासिल कर ली थी और जिसके लिए उन्हें स्पानी साहित्य में विशेष स्थान प्राप्त है। पेरू में अग्रिम पंक्ति के कवियों में उनका नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है। कोलकाता से नौ पेरूवियाई कवियों के त्रिभाषी स्पानी- हिन्दी-बांग्ला संस्करण में इनकी कविताएँ संकलित हैं। | |
जीवन परिचय | |
कार्लोस ओकेन्दो दे आमात / परिचय |