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एहतियातन मगर शोर करते नहीं
घूमते हैं खुलेआम सब जानते हमको छुपने, छुपाने की आदत नहींशेर वो हैं जो पिंजरे जानते हो कि पर्दे में रहते नहीं
सामने है खड़ा कौन, परवा कहां
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