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"साँस लेते हुए भी डरता हूँ / अकबर इलाहाबादी" के अवतरणों में अंतर
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23:07, 17 नवम्बर 2008 का अवतरण
साँस लेते हुए भी डरता हूँ
ये न समझें कि आह करता हूँ
बहर-ए-हस्ती* में हूँ मिसाल-ए-हुबाब*
मिट ही जाता हूँ जब उभरता हूँ
इतनी आज़ादी भी ग़नीमत है
साँस लेता हूँ बात करता हूँ
शेख़ साहब खुदा से डरते हो
मैं तो अंग्रेज़ों ही से डरता हूँ
आप क्या पूछते हैं मेरा मिज़ाज
शुक्र अल्लाह का है मरता हूँ
ये बड़ा ऐब मुझ में है 'अकबर'
दिल में जो आए कह गुज़रता हूँ
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बहर-ए-हस्ती - जीवन सागर
हुबाब - बु्लबुला