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"एक दिन लिखा मैंने उसका नाम (वनडे आई रोट हर नेम) सॉनेट / एडमंड स्पेंसर / विनीत मोहन औदिच्य" के अवतरणों में अंतर

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रेत पर लिखा मैंने उसका नाम एक दिन हाथ से
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परंतु बहा कर ले गयीं उसे अचानक तीव्र लहरें
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दूसरे हाथ से लिख दिया मैंने उसका नाम फिर से
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फिर से बना ले गईं अपना शिकार पीड़ा को भँवरें ।
  
मैंने धूप के दिनों में बारिश होते देखी मचलती
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उसने कहा तू व्यर्थ ही करता रहता अथक प्रयास
और देखा अंधकार को उजाले से जगमगाते
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जो नश्वर है उसे अमर कदापि किया जा सकता नहीं
यहाँ तक कि प्रतीत हुई झाड़ी विद्युत में बदलती
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मैं स्वयं चाहूँ क्षरित होना छोड़कर जग की उजास
हाँ जमी हुई वर्फ को देखा चमकते व गरमाते
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लिखकर मिटाया गया मेरा नाम उभर सकता नहीं ।
और मधुर वस्तुओं में देखा है स्वाद कड़वाहट का
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और जो है कड़वा उसका मधुर स्वाद पाया
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शत्रुओं को आस्वादन करते पाया प्रेम की मुस्कुराहट का
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अच्छा और घनिष्ठ मित्र जो मिलने तक न आया।
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फिर भी प्रेम की देखी हैं मैंने कई बातें विचित्र
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मैंने कहा नहीं है तुम्हारा नष्ट होना कदाचित् आसान
जिसने भर दिये हैं मेरे घाव, नये घाव देकर
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धूल मिलेंगी सारी तुच्छ वस्तुएँ अमर होगी ख्याति
उसने बुझा दी है पूर्व में मेरी आंतरिक अग्नि।
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तुम्हारे दुर्लभ गुणों को मेरी कविता बनायेगी महान
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स्वर्ग में चमकेगी तुम्हारे नाम की अलौकिक ज्योति ।
  
जो जीवन उसने दिया था परिणामतः अंत में पवित्र
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जहाँ एक ओर मृत्यु करेगी सकल संसार का दमन
अग्नि जो कर देती थी उन्मत्त, रही मुझसे बचकर
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वहीं हमारा प्रेम रहेगा अमर, मिलेगा उसे नव जीवन ।।
एक बार बचा प्रेम से, अब और अधिक जलाती प्रेमाग्नि।
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07:47, 28 अक्टूबर 2023 के समय का अवतरण

                                                 
रेत पर लिखा मैंने उसका नाम एक दिन हाथ से
परंतु बहा कर ले गयीं उसे अचानक तीव्र लहरें
दूसरे हाथ से लिख दिया मैंने उसका नाम फिर से
फिर से बना ले गईं अपना शिकार पीड़ा को भँवरें ।

उसने कहा तू व्यर्थ ही करता रहता अथक प्रयास
जो नश्वर है उसे अमर कदापि किया जा सकता नहीं
मैं स्वयं चाहूँ क्षरित होना छोड़कर जग की उजास
लिखकर मिटाया गया मेरा नाम उभर सकता नहीं ।

मैंने कहा नहीं है तुम्हारा नष्ट होना कदाचित् आसान
धूल मिलेंगी सारी तुच्छ वस्तुएँ अमर होगी ख्याति
तुम्हारे दुर्लभ गुणों को मेरी कविता बनायेगी महान
स्वर्ग में चमकेगी तुम्हारे नाम की अलौकिक ज्योति ।

जहाँ एक ओर मृत्यु करेगी सकल संसार का दमन
वहीं हमारा प्रेम रहेगा अमर, मिलेगा उसे नव जीवन ।।