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"दक्षिणी पहाड़ों के ढलानों की प्यास की स्मृति में / शादाब वज्दी / श्रीविलास सिंह" के अवतरणों में अंतर

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तुम्हारा वसन्त होगा मेरा भी ।
 
तुम्हारा वसन्त होगा मेरा भी ।
  
'''इस्माइल सलामी के अँग्रेज़ी अनुवाद से हिन्दी में अनुवाद : श्रीविलास सिंह'''
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'''अँग्रेज़ी से हिन्दी में अनुवाद : श्रीविलास सिंह'''
  
'''लीजिए, अब यही कविता इस्माइल सलामी के अँग्रेज़ी अनुवाद में पढ़िए'''
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'''लीजिए, अब यही कविता लोतफ़ाली ख़ोन्जी के अँग्रेज़ी अनुवाद में पढ़िए'''
 
                             Shadab Vajdi
 
                             Shadab Vajdi
 
To the memory of the thirst of the southern mountain slopes
 
To the memory of the thirst of the southern mountain slopes

21:24, 27 नवम्बर 2023 के समय का अवतरण

मैं सुन सकती हूँ बारिश को
मैं सुन सकती हूँ बारिश को
यह बरसती रही है सारी रात,
और मेरा हृदय गाता रहा है सारी रात
नमक की विशाल मरुभूमि की स्मृति में
सदैव की भाँति प्यासा बारिश की एक एक बूँद के लिए
दक्षिणी पहाड़ों के ढलानों की स्मृति में
अकालों और उनकी हृदय विदारक दूरी की स्मृति में
परिचित मिट्टी की मासूमियत की स्मृति में, जो है मेरे हृदय के इतनी क़रीब ।

बारिश होती रही है सारी रात
सारा क़स्बा भर गया है बारिश के गीत से
मेरी समस्त स्मृति डूब गई है तुम्हारी दूर से आती आवाज़ में
तुम्हारी मिट्टी के सबसे छोटे कण
हैं मेरे सबसे प्रिय आभूषण ।

मैं सुन सकती हूँ बारिश को
देखो ! यहाँ तुम्हारी मिट्टी की स्मृति में
मैं बरसती हूँ खूबसूरत बादलों संग
उठती हूँ अधिक हरे-भरे वसन्त की प्यारी आशा में
सबसे प्रिय होती हैं पल्लवित होने की स्मृतियाँ
और वसन्त का समय उत्पन्न करता है
स्वच्छ, निर्मल जल के स्रोत
उठो अधिक हरे-भरे वसन्त की प्यारी आशा में
तुम्हारा वसन्त होगा मेरा भी ।

अँग्रेज़ी से हिन्दी में अनुवाद : श्रीविलास सिंह

लीजिए, अब यही कविता लोतफ़ाली ख़ोन्जी के अँग्रेज़ी अनुवाद में पढ़िए
                            Shadab Vajdi
To the memory of the thirst of the southern mountain slopes

I can hear the rain
I can hear the rain
It has been raining all night,
and my heart has been singing all night
in the memory of the great salt desert
thirsty as ever for every drop of rain
in memory of southern mountain slopes
in memory of droughts and their heart-breaking remoteness
in memory of the innocence of the familiar soil, so close to my heart.

It has been raining all night
the whole town is filled with the melody of rain
my whole memory is submerged in your distant voice
the tiniest particle of your soil
is my dearest jewel.

I can hear the rain
Behold! Here, in memory of your soil
I rain in unison with bountiful clouds
rise in loving hope of greener springtimes
moments of budding are the dearest ones
and the springtime yields
springs of uniform, clear water.
Rise in loving hope of greener springtimes
your springtime will be mine too.

(Translated from Farsi by Lotfali Khonji)