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"कहानी में बच्चे / हरीशचन्द्र पाण्डे" के अवतरणों में अंतर
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अब तो अपने माँ-बाप के घर जाने लगे हैं बच्चे | अब तो अपने माँ-बाप के घर जाने लगे हैं बच्चे | ||
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कहानी में बच्चे बचे रहे तो । | कहानी में बच्चे बचे रहे तो । | ||
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20:59, 12 दिसम्बर 2023 के समय का अवतरण
पहले कहानियों में बच्चे
अक्सर अपनी नानी के घर जाया करते थे
बाद में वे
दादी के घर जाने लगे
अब तो अपने माँ-बाप के घर जाने लगे हैं बच्चे
आगे किसी एक के घर अवश्य जाएँगे वे
कहानी में बच्चे बचे रहे तो ।