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"आन्द्रे वैल्ते" के अवतरणों में अंतर
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|कृतियाँ=आयशा (1966), गंगा से जंजीबार तक (1993), ब्लैक कैट के कवि (1996), अकेला पेड़ (1993), नितान्त प्रेम (2000), ज़िंगारो घुड़सवारी ग्रुप और उसकी अज्ञात सम्भावनाएँ (2005), ग़लती किसकी है (2004) — ये सभी कविता-संग्रह और अफ़ग़ानी महिला कअविता का एक संग्रह ’प्रेम और युद्ध के गीत’ के नाम से फ़्रांसीसी भाषा में अनूदित। | |कृतियाँ=आयशा (1966), गंगा से जंजीबार तक (1993), ब्लैक कैट के कवि (1996), अकेला पेड़ (1993), नितान्त प्रेम (2000), ज़िंगारो घुड़सवारी ग्रुप और उसकी अज्ञात सम्भावनाएँ (2005), ग़लती किसकी है (2004) — ये सभी कविता-संग्रह और अफ़ग़ानी महिला कअविता का एक संग्रह ’प्रेम और युद्ध के गीत’ के नाम से फ़्रांसीसी भाषा में अनूदित। | ||
− | |विविध=शार्लेविले और पेरिस में शिक्षा प्राप्त करने के बाद 1955 में आन्द्रे वैल्ते ने यूरोप और पश्चिमी एशिया के अरब देशों की यात्रा की और वहाँ से अफ़ग़ानिस्तान, तिब्बत और चीन भी पहुँचे। इसलिए इनकी कविता में विभिन्न स्थानों, संस्कृतियों, धुनों और लयों का सम्मिश्रण दिखाई देता है। उन्होंने विभिन्न संस्कृतियों के गीतों को अपनी कविता में जगह देकर बहुधुनों, बहुस्वरों वाली एक विशेष तरह की कविताएँ रचीं। कविता-पाठ करते हुए अपनी कविता को पूरी तरह से अभिव्यक्त करने के लिए कविता-पाठ की पृष्ठभूमि में आन्द्रे वैल्ते संगीत और नृत्य की सहायता भी लेते हैं। इनकी कविताओं का अनुवाद दुनिया की सभी प्रमुख भाषाओं में हुआ है और कॉम्पेक्ट-डिस्क पर भी उपलब्ध है। इन्हें फ़्रांस का ’प्री गोनकुआ’ (Prix Goncourt) कविता पुरस्कार | + | |विविध=शार्लेविले और पेरिस में शिक्षा प्राप्त करने के बाद 1955 में आन्द्रे वैल्ते ने यूरोप और पश्चिमी एशिया के अरब देशों की यात्रा की और वहाँ से अफ़ग़ानिस्तान, तिब्बत और चीन भी पहुँचे। इसलिए इनकी कविता में विभिन्न स्थानों, संस्कृतियों, धुनों और लयों का सम्मिश्रण दिखाई देता है। उन्होंने विभिन्न संस्कृतियों के गीतों को अपनी कविता में जगह देकर बहुधुनों, बहुस्वरों वाली एक विशेष तरह की कविताएँ रचीं। कविता-पाठ करते हुए अपनी कविता को पूरी तरह से अभिव्यक्त करने के लिए कविता-पाठ की पृष्ठभूमि में आन्द्रे वैल्ते संगीत और नृत्य की सहायता भी लेते हैं। इनकी कविताओं का अनुवाद दुनिया की सभी प्रमुख भाषाओं में हुआ है और कॉम्पेक्ट-डिस्क पर भी उपलब्ध है। इन्हें फ़्रांस का ’प्री गोनकुआ’ (Prix Goncourt) कविता पुरस्कार ”प्री मेलाहमे’ (Prix Mallarmé) कविता पुरस्कार, लुई लबे (Louise Labbé) कविता पुरस्कार और प्री अपोलीने (Prix Apollinaire) कविता पुरस्कार जैसे फ़्रांस के बड़े कविता पुरस्कार मिल चुके हैं। |
|जीवनी=[[आन्द्रे वैल्ते / परिचय]] | |जीवनी=[[आन्द्रे वैल्ते / परिचय]] | ||
|अंग्रेज़ीनाम=André Velter | |अंग्रेज़ीनाम=André Velter |
07:05, 14 जनवरी 2024 का अवतरण
आन्द्रे वैल्ते
जन्म | 01 फ़रवरी 1945 |
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उपनाम | André Velter |
जन्म स्थान | सिन्ये ल्याअबे (Signy-l'Abbaye), अहदेन (Ardennes), फ़्रांस |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
आयशा (1966), गंगा से जंजीबार तक (1993), ब्लैक कैट के कवि (1996), अकेला पेड़ (1993), नितान्त प्रेम (2000), ज़िंगारो घुड़सवारी ग्रुप और उसकी अज्ञात सम्भावनाएँ (2005), ग़लती किसकी है (2004) — ये सभी कविता-संग्रह और अफ़ग़ानी महिला कअविता का एक संग्रह ’प्रेम और युद्ध के गीत’ के नाम से फ़्रांसीसी भाषा में अनूदित। | |
विविध | |
शार्लेविले और पेरिस में शिक्षा प्राप्त करने के बाद 1955 में आन्द्रे वैल्ते ने यूरोप और पश्चिमी एशिया के अरब देशों की यात्रा की और वहाँ से अफ़ग़ानिस्तान, तिब्बत और चीन भी पहुँचे। इसलिए इनकी कविता में विभिन्न स्थानों, संस्कृतियों, धुनों और लयों का सम्मिश्रण दिखाई देता है। उन्होंने विभिन्न संस्कृतियों के गीतों को अपनी कविता में जगह देकर बहुधुनों, बहुस्वरों वाली एक विशेष तरह की कविताएँ रचीं। कविता-पाठ करते हुए अपनी कविता को पूरी तरह से अभिव्यक्त करने के लिए कविता-पाठ की पृष्ठभूमि में आन्द्रे वैल्ते संगीत और नृत्य की सहायता भी लेते हैं। इनकी कविताओं का अनुवाद दुनिया की सभी प्रमुख भाषाओं में हुआ है और कॉम्पेक्ट-डिस्क पर भी उपलब्ध है। इन्हें फ़्रांस का ’प्री गोनकुआ’ (Prix Goncourt) कविता पुरस्कार ”प्री मेलाहमे’ (Prix Mallarmé) कविता पुरस्कार, लुई लबे (Louise Labbé) कविता पुरस्कार और प्री अपोलीने (Prix Apollinaire) कविता पुरस्कार जैसे फ़्रांस के बड़े कविता पुरस्कार मिल चुके हैं। | |
जीवन परिचय | |
आन्द्रे वैल्ते / परिचय |