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"अपनी अलग चिन्हारी रख / बसंत देशमुख" के अवतरणों में अंतर

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14:23, 20 नवम्बर 2008 का अवतरण

अब नही उनसे यारी रख
अपनी लडाई जारी रख

भूख गरीबी के मसले पे
अब इक पत्थर भारी रख

कवि मंचों पर बने विदूषक
उनके नाम मदारी रख

भीड़ भाड़ में खो मत जाना
अपनी अलग चिन्हारी रख