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"अपनी अलग चिन्हारी रख / बसंत देशमुख" के अवतरणों में अंतर

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अपनी लडाई जारी रख<br />
 
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भूख गरीबी के मसले पे<br />
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अब इक पत्थर भारी रख<br />
 
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उनके नाम मदारी रख<br />
 
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भीड़ भाड़ में खो मत जाना<br />
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19:54, 20 नवम्बर 2008 का अवतरण


अब नही उनसे यारी रख

अपनी लडाई जारी रख


भूख ग़रीबी के मसले पे

अब इक पत्थर भारी रख


कवि मंचों पर बने विदूषक

उनके नाम मदारी रख


भीड़-भाड़ में खो मत जाना

अपनी अलग चिन्हारी रख