भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"अपनी अलग चिन्हारी रख / बसंत देशमुख" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 10: | पंक्ति 10: | ||
अपनी लडाई जारी रख<br /> | अपनी लडाई जारी रख<br /> | ||
− | भूख | + | भूख ग़रीबी के मसले पे<br /> |
अब इक पत्थर भारी रख<br /> | अब इक पत्थर भारी रख<br /> | ||
पंक्ति 16: | पंक्ति 16: | ||
उनके नाम मदारी रख<br /> | उनके नाम मदारी रख<br /> | ||
− | भीड़ भाड़ में खो मत जाना<br /> | + | भीड़-भाड़ में खो मत जाना<br /> |
अपनी अलग चिन्हारी रख <br /> | अपनी अलग चिन्हारी रख <br /> | ||
</poem> | </poem> |
19:54, 20 नवम्बर 2008 का अवतरण
अब नही उनसे यारी रख
अपनी लडाई जारी रख
भूख ग़रीबी के मसले पे
अब इक पत्थर भारी रख
कवि मंचों पर बने विदूषक
उनके नाम मदारी रख
भीड़-भाड़ में खो मत जाना
अपनी अलग चिन्हारी रख