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"अपनी अलग चिन्हारी रख / बसंत देशमुख" के अवतरणों में अंतर
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19:57, 20 नवम्बर 2008 के समय का अवतरण
अब नही उनसे यारी रख
अपनी लडाई जारी रख
भूख ग़रीबी के मसले पे
अब इक पत्थर भारी रख
कवि मंचों पर बने विदूषक
उनके नाम मदारी रख
भीड़-भाड़ में खो मत जाना
अपनी अलग चिन्हारी रख