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+ | जो मन में पाला है | ||
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+ | लगता जीवन प्यारा | ||
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+ | जी उठ्ठी दोबारा। | ||
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+ | रातें अँधियारी हैं | ||
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+ | रातों को जागूँगी | ||
+ | टूटे तारे से | ||
+ | तुमको ही माँगूँगी। | ||
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+ | हर बार पसीजा है | ||
+ | मेरी खातिर वो | ||
+ | रिश्ता पाकीज़ा है। | ||
+ | 10 | ||
+ | बस एक तमन्ना है | ||
+ | सात जनम मुझको | ||
+ | तेरा ही बनना है। | ||
+ | 11 | ||
+ | मन मेरा शैदाई | ||
+ | सिर्फ तुम्हारा ही | ||
+ | ये ही है सच्चाई। | ||
+ | 12 | ||
+ | कितनी ही करती मैं | ||
+ | कोशिश मिलने की | ||
+ | अम्बर तुम, धरती मैं। | ||
+ | 13 | ||
+ | पूरे सब ख़्वाब हुए | ||
+ | सचमुच तुम जबसे | ||
+ | मेरे अहबाब हुए। | ||
+ | 14 | ||
+ | तुम मुझसे दूर कहीं | ||
+ | पल भर को जाओ | ||
+ | मुझको मंजूर नहीं। | ||
+ | 15 | ||
+ | तुम डूब कहीं जाना | ||
+ | गर इन आँखों में | ||
+ | तो ऊब नहीं जाना। | ||
+ | 16 | ||
+ | है चाह यही मन में | ||
+ | खुशियाँ सब भर दूँ | ||
+ | मैं तेरे दामन में। | ||
+ | 17 | ||
+ | तूफाँ जब आएँगे | ||
+ | तेरी राहों में | ||
+ | मुझसे टकराएँगे! | ||
+ | 18 | ||
+ | जब भी खिल जाते हैं | ||
+ | फूल मुहब्बत के | ||
+ | केवल महकाते हैं। | ||
+ | 19 | ||
+ | जाने- पहचाने से | ||
+ | लगते हो मुझको | ||
+ | तुम एक ज़माने से। | ||
+ | 20 | ||
+ | जो तेरे बिन बीता | ||
+ | अब तक तो ऐसा | ||
+ | ना कोई दिन बीता। | ||
+ | -0- | ||
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19:40, 5 अप्रैल 2024 के समय का अवतरण
1
तुमसे यह विनती है
जल्दी आ जाना
विरहन दिन गिनती है।
2
बाँधी है डोरी यों
तुम मेरे चंदा
मैं एक चकोरी ज्यों।
3
तुम सीधे- सादे हो
मेरे सपनों के
तुम ही शहजादे हो।
4
जो मन में पाला है
प्यार तुम्हारा ये
कविता में ढाला है।
5
लगता जीवन प्यारा
तुमको पाकर मैं
जी उठ्ठी दोबारा।
6
रातें अँधियारी हैं
यादें जुगनू- सी
मनमीत तुम्हारी हैं।
7
जिस पल से पाले हैं
माही के सपने
हर ओर उजाले हैं।
8
रातों को जागूँगी
टूटे तारे से
तुमको ही माँगूँगी।
9
हर बार पसीजा है
मेरी खातिर वो
रिश्ता पाकीज़ा है।
10
बस एक तमन्ना है
सात जनम मुझको
तेरा ही बनना है।
11
मन मेरा शैदाई
सिर्फ तुम्हारा ही
ये ही है सच्चाई।
12
कितनी ही करती मैं
कोशिश मिलने की
अम्बर तुम, धरती मैं।
13
पूरे सब ख़्वाब हुए
सचमुच तुम जबसे
मेरे अहबाब हुए।
14
तुम मुझसे दूर कहीं
पल भर को जाओ
मुझको मंजूर नहीं।
15
तुम डूब कहीं जाना
गर इन आँखों में
तो ऊब नहीं जाना।
16
है चाह यही मन में
खुशियाँ सब भर दूँ
मैं तेरे दामन में।
17
तूफाँ जब आएँगे
तेरी राहों में
मुझसे टकराएँगे!
18
जब भी खिल जाते हैं
फूल मुहब्बत के
केवल महकाते हैं।
19
जाने- पहचाने से
लगते हो मुझको
तुम एक ज़माने से।
20
जो तेरे बिन बीता
अब तक तो ऐसा
ना कोई दिन बीता।
-0-