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"उसे मैं भूल जाऊँ ऐ ख़ुदा इतना करम कर दे / अर्चना जौहरी" के अवतरणों में अंतर
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उसे मैं भूल जाऊँ ऐ ख़ुदा इतना करम कर दे
रहे वह ख़ुश जहाँ हो आँख चाहे मेरी नम कर दे
मिरी हस्ती है तुझ से ही इसे अब तू ही कर कामिल
जो कम है कर अता जो है जियादा उसको कम करदे
मुझे सूरज बना दे,दूं उजाला जल मरूं चाहे
नहीं वह शब जो आकर रौशनी निगले औ तम कर दे
बिगड़ती जा रही है ताल और लय मेरे जीवन की
इसे लय में सजा दे औ विषम को मेरे सम करदे
तू मुझको दे सुकूँ मौला या मेरी जान ही लेले
तुझे जो फ़ैसला करना हो तू मेरी क़सम कर दे