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"चिनारी हाम्रो धेरै पुरानो भए झैँ लाग्दछ / नगेन्द्र थापा" के अवतरणों में अंतर
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चिनारी हाम्रो धेरै पुरानो रहे झैँ लाग्दछ | चिनारी हाम्रो धेरै पुरानो रहे झैँ लाग्दछ | ||
− | नदेखे पनि भेट | + | नदेखे पनि भेट सधैँसधैँ भए झैँ लाग्दछ |
− | + | शीतल दिन्छौ पवन भएर मिर्मिरे याममा | |
− | मायालु न्यानो स्पर्श दिन्छौ किरणको रूपमा | + | मायालु न्यानो स्पर्श दिन्छौ किरणको रूपमा |
− | + | झन् झनै बज्छ सङ्गीत तिम्रो हरेक तन्तुमा | |
− | आशाको दियो | + | आशाको दियो आफैँ नै बल्छ अँध्यारो कुनामा |
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− | हजार | + | हजार खोजेँ त्यो रूप हेर्न पाउँदै पाइनँ |
− | मायाले छुने हात छाम्न खोजें समाउन | + | मायाले छुने हात छाम्न खोजें समाउन सकिनँ |
− | + | भनिदेऊ आज को हौ तिमी मैले त जानिनँ | |
− | + | बिरङ्गी रूप फेरेर आउने तिमीलाई चिनिनँ | |
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शब्द: नगेन्द्र थापा | शब्द: नगेन्द्र थापा |
19:12, 14 जून 2024 के समय का अवतरण
चिनारी हाम्रो धेरै पुरानो रहे झैँ लाग्दछ
नदेखे पनि भेट सधैँसधैँ भए झैँ लाग्दछ
शीतल दिन्छौ पवन भएर मिर्मिरे याममा
मायालु न्यानो स्पर्श दिन्छौ किरणको रूपमा
झन् झनै बज्छ सङ्गीत तिम्रो हरेक तन्तुमा
आशाको दियो आफैँ नै बल्छ अँध्यारो कुनामा
हजार खोजेँ त्यो रूप हेर्न पाउँदै पाइनँ
मायाले छुने हात छाम्न खोजें समाउन सकिनँ
भनिदेऊ आज को हौ तिमी मैले त जानिनँ
बिरङ्गी रूप फेरेर आउने तिमीलाई चिनिनँ
.......................
शब्द: नगेन्द्र थापा
संगीत: कर्म योन्जन
स्वर: नारायण गोपाल