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"आजमाना भी जानता है वो / कांतिमोहन 'सोज़'" के अवतरणों में अंतर

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ग़ैर ने अब तो कर दिया साबित
 
ग़ैर ने अब तो कर दिया साबित
नाज उठाना भी जानता है वो ।
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नाज़ उठाना भी जानता है वो ।
  
 
क्यूँ कफ़स से न आशना हो लूँ
 
क्यूँ कफ़स से न आशना हो लूँ
 
आशियाना भी जानता है वो ।
 
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सोज तो दिल्लगी में प्यार हुआ
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मेरे अश्कों ने झाँक कर देखा
दिल लगाना भी जानता है वो ।  
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मुसकुराना भी जानता है वो ।
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सोज़ तो दिल्लगी में ख़्वार हुआ
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दिल लगाना भी जानता है वो ।
 
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02:44, 22 जुलाई 2024 के समय का अवतरण

आजमाना भी जानता है वो
भूल जाना भी जानता है वो ।

दिल लुभाना भी जानता है वो
जी जलाना भी जानता है वो ।

दूर होकर दिखा दिया उसने
पास आना भी जानता है वो ।

ग़ैर ने अब तो कर दिया साबित
नाज़ उठाना भी जानता है वो ।

क्यूँ कफ़स से न आशना हो लूँ
आशियाना भी जानता है वो ।

मेरे अश्कों ने झाँक कर देखा
मुसकुराना भी जानता है वो ।
 
सोज़ तो दिल्लगी में ख़्वार हुआ
दिल लगाना भी जानता है वो ।