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"नहीं रहेंगे अँधियारे में / राहुल शिवाय" के अवतरणों में अंतर

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10:16, 15 अगस्त 2024 के समय का अवतरण

अबतक सूरज ढूँढा है
टूटे तारे में
बहुत हुआ अब
नहीं रहेंगे अँधियारे में

अपनी धरती
हम अपना आकाश लिखेंगे
पतझड़ के माथे पर
सुर्ख़ पलाश लिखेंगे

खो जायेंगे
वरना ये सपने नारे में

नहीं व्यवस्था
परिवर्तन को चाह रही है
अपने हिस्से
सिर्फ़ कँटीली राह रही है

कैसे खोजें
ऊष्मा इस गिरते पारे में

हमें बाँटती आयी
हैं विपरीत हवाएँ
एक नहीं होने देंगी
हमको सत्ताएँ

भाई-भाई
अलग खड़े हैं बँटवारे में