भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"पूछें / राहुल शिवाय" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राहुल शिवाय |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
10:17, 15 अगस्त 2024 के समय का अवतरण
हरियाली होती है क्या
जंगल से पूछें
कितना क्या बदला है
बीते कल से पूछें
आँखों से पूछें
हम सपने की बातें
और अमावस से पूछें
दुख की रातें
हम संघर्ष-पंक का
चलो कमल से पूछें
चलो धरा से पूछें
ज़रा जेठ का आतप
सागर से पूछें जाकर
हम नदियों का तप
कहाँ-कहाँ बरसेंगे
ये बादल से पूछें
पूछें हम आजादी
नुची हुई पाँखों से
आँगन से बाहर तकती
सूनी आँखों से
हम किसान की हालत
खेत-फ़सल से पूछें