Changes

रहर / हरिभक्त कटुवाल

425 bytes added, 02:31, 1 सितम्बर 2024
|रचनाकार=हरिभक्त कटुवाल
|अनुवादक=
|संग्रह=यो जिन्दगी खै के जिन्दगी / हरिभक्त कटुवाल
}}
{{KKCatKavita}}
बा, पाठशाला जान्नँ म
इतिहास पढाइन्छ त्यहाँ मरेका दिनहरूको।
 
०००
..............................................
'''[[लालसा / हरिभक्त कटुवाल / सुमन पोखरेल|यहाँ क्लिक करके इस कविता का एक हिंदी अनुवाद पढ़ा जा सकता है।]]'''
</poem>
Mover, Reupload, Uploader
10,426
edits