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"अभिनय / गण्डकीपुत्र / सुमन पोखरेल" के अवतरणों में अंतर

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छुप जाते हैँ सब कुछ
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जहर रखेँ या अमृत
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जहर रखें या अमृत
जीवन रखेँ या मृत्यु
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जीवन रखें या मृत्यु
 
पर्दा लग जाने के बाद
 
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बाहर से कुछ दिखाई नहीं  
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बाहर से कुछ दिखाई नहीं देता
दिखाई देता है सिर्फ पर्दा ।
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दिखाई देता है सिर्फ पर्दा।
जिस तरह पोटली के अन्दर
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जिस तरह पोटली के अंदर
मांस डाल कर चलने पे भी
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मांस डालकर चलने पर भी
सत्तु डाल कर चलने पे भी
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सत्तू डालकर चलने पर भी
दिखाई देती है सिर्फ पोटली  
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दिखाई देती है सिर्फ पोटली
वैसा ही है पर्दा लगना भी ।
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वैसा ही है पर्दा लगना भी।
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मुझे कहीं भी दिखाई नहीं दिया  
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मुझे कहीं भी दिखाई नहीं दिया
पर्दा न लगा हुवा एक भी चेहरा  
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पर्दा न लगा हुआ एक भी चेहरा
आइने समाने खडे हो कर  
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आईने के सामने खड़े हो कर
खुद को देखते हुए भी  
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खुद को देखते हुए भी
 
पर्दा नजर आता है मुझे
 
पर्दा नजर आता है मुझे
अपना चेहरा दिखाई देने से पहले ।
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अपना चेहरा दिखाई देने से पहले।
 
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16:10, 1 सितम्बर 2024 के समय का अवतरण

छुप जाते हैं सब कुछ
जहर रखें या अमृत
जीवन रखें या मृत्यु
पर्दा लग जाने के बाद
बाहर से कुछ दिखाई नहीं देता
दिखाई देता है सिर्फ पर्दा।
जिस तरह पोटली के अंदर
मांस डालकर चलने पर भी
सत्तू डालकर चलने पर भी
दिखाई देती है सिर्फ पोटली
वैसा ही है पर्दा लगना भी।

मुझे कहीं भी दिखाई नहीं दिया
पर्दा न लगा हुआ एक भी चेहरा
आईने के सामने खड़े हो कर
खुद को देखते हुए भी
पर्दा नजर आता है मुझे
अपना चेहरा दिखाई देने से पहले।