Changes

मानुषी / पारिजात

286 bytes added, 06:15, 4 सितम्बर 2024
सभ्यताको आदिकालमा पुर्‍याइसकेकी थिएँ ।
०००
...............................................[[मानुषी / पारिजात / सुमन पोखरेल|यहाँ क्लिक करके इस कविता का एक हिंदी अनुवाद पढ़ा जा सकता है।]]
</poem>
Mover, Reupload, Uploader
10,426
edits