"प्रक्रिया / ज़ोजे सरामागो / अनिल जनविजय" के अवतरणों में अंतर
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ज़ोजे सरामागो अनिल जनविजय |अनुवा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{KKGlobal}} | {{KKGlobal}} | ||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
− | |रचनाकार=ज़ोजे सरामागो | + | |रचनाकार=ज़ोजे सरामागो |
|अनुवादक=अनिल जनविजय | |अनुवादक=अनिल जनविजय | ||
|संग्रह= | |संग्रह= | ||
पंक्ति 19: | पंक्ति 19: | ||
खनखनाने लगते हैं | खनखनाने लगते हैं | ||
जैसे बज रहे हों पहली बार । | जैसे बज रहे हों पहली बार । | ||
+ | |||
+ | 1966 में प्रकाशित ’सम्भावित कविताएँ’ नामक संग्रह से | ||
'''मूल पुर्तगाली भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय''' | '''मूल पुर्तगाली भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय''' | ||
पंक्ति 30: | पंक्ति 32: | ||
Basta que, de sol. os olhos do poeta, | Basta que, de sol. os olhos do poeta, | ||
Rasando, as iluminem. | Rasando, as iluminem. | ||
+ | |||
+ | Os poemas possíveis, 1966 | ||
</poem> | </poem> |
07:09, 24 दिसम्बर 2024 के समय का अवतरण
शब्द साधारण होते हैं,
शब्द सामान्य होते हैं,
समय बीतने के साथ-साथ
सिक्के घिस जाते हैं जैसे
वैसे ही घिस जाते हैं शब्द ।
लेकिन जब उन पर किसी कवि की नज़र पड़ती है
तो चमक उठते हैं वे
जगमगाने लगते हैं एक नई आभा से
झलमल -झलमल दमकने लगते हैं
खनखनाने लगते हैं
जैसे बज रहे हों पहली बार ।
1966 में प्रकाशित ’सम्भावित कविताएँ’ नामक संग्रह से
मूल पुर्तगाली भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय
लीजिए, अब यही कविता मूल पुर्तगाली भाषा में पढ़िए
Jose Saramago
Processo
As palavras mais simples, mais comuns,
As de trazer por casa e dar de troco
Em lingua doutro mundo se convertem;
Basta que, de sol. os olhos do poeta,
Rasando, as iluminem.
Os poemas possíveis, 1966