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"दिल की हर धड़कन है बत्तिस मील में / 'अना' क़ासमी" के अवतरणों में अंतर

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वो ज़िले में और हम तहसील में ।
 
वो ज़िले में और हम तहसील में ।
  
उसकी आराइश<ref>शृंगार</ref> की क़ीमत कैसे दूँ,
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उसकी आराइश की क़ीमत कैसे दूँ,
 
दिल को तोला नाक की इक कील में ।
 
दिल को तोला नाक की इक कील में ।
  
कुछ रहीने मय<ref>शराब की अहसानमंद</ref> नहीं मस्ते ख़राम,
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कुछ रहीने मय नहीं मस्ते ख़राम,
 
सब नशा है सैण्डिल की हील में ।
 
सब नशा है सैण्डिल की हील में ।
  
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उम्र अदाकारी में सारी कट गई,
 
उम्र अदाकारी में सारी कट गई,
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इक ज़रा से झूठ की तावील में ।
  
 
हुक्म कर के  देखिएगा तो हुज़ूर,
 
हुक्म कर के  देखिएगा तो हुज़ूर,
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सैकड़ों ग़ज़लें मुकम्मल हो गईं,
 
सैकड़ों ग़ज़लें मुकम्मल हो गईं,
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इक अधूरे शेर की तकमील में ।
 
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21:15, 30 दिसम्बर 2024 के समय का अवतरण

दिल की हर धड़कन है बत्तिस मील में ।
वो ज़िले में और हम तहसील में ।

उसकी आराइश की क़ीमत कैसे दूँ,
दिल को तोला नाक की इक कील में ।

कुछ रहीने मय नहीं मस्ते ख़राम,
सब नशा है सैण्डिल की हील में ।

यार किहकर मेरी सिगरेट खेंच ली
किस क़दर बिगड़े हैं बच्चे ढील में ।

यक-ब-यक लहरों में दम-सी आ गई,
लड़कियों ने पाँव डाले झील में ।

उम्र अदाकारी में सारी कट गई,
इक ज़रा से झूठ की तावील में ।

हुक्म कर के देखिएगा तो हुज़ूर,
सर है ह़ाज़िर हुक्म की तामील में ।

सैकड़ों ग़ज़लें मुकम्मल हो गईं,
इक अधूरे शेर की तकमील में ।