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"गुज़री है रात कैसे सबसे कहेंगी आँखें / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'" के अवतरणों में अंतर

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गुज़री है रात कैसे सबसे कहेंगी आँखें  
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गुज़री है रात कैसे सबसे कहेंगी आँखें
शरमा के ख़ुद से ख़ुद ही यारो झुकेंगी आँखें  
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शरमा के ख़ुद से ख़ुद ही यारो झुकेंगी आँखें
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महबूब मेरे मुझको तस्वीर अपनी दे जा  
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महबूब मेरे मुझको तस्वीर अपनी दे जा
 
तन्हाइयों में उससे बातें करेंगी आँखें
 
तन्हाइयों में उससे बातें करेंगी आँखें
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उसने कहा था मुझसे परदेस जाने वाले  
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उसने कहा था मुझसे परदेस जाने वाले
जब तक न आएगा तू रस्ता तकेंगी आँखें  
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आने तलक तिरा ये रस्ता तकेंगी आँखें
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मन में रहेगा मेरे बस प्यार का उजाला  
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मन में रहेगा मेरे बस प्यार का उजाला
 
हर राह ज़िन्दगी की रोशन करेंगी आँखें
 
हर राह ज़िन्दगी की रोशन करेंगी आँखें
  
हाथों में मेरे मेहँदी कब तक नहीं लगेगी  
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हाथों में मेरे मेहँदी कब तक नहीं लगेगी
तन्हाइयों के खूँ से कब तक रचेंगी आँखें
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तन्हाइयों के ख़ूँ से कब तक रचेंगी आँखें
  
 
सुख-दुःख हैं इसके पहलू ये ज़िन्दगी है सिक्का
 
सुख-दुःख हैं इसके पहलू ये ज़िन्दगी है सिक्का
हालात ज़िन्दगी के ख़ुद ही कहेंगी आँखें  
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हालात ज़िन्दगी के ख़ुद ही कहेंगी आँखें
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तू भी 'रक़ीब' सो जा होने को है सवेरा  
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तू भी 'रक़ीब' सो जा होने को है सवेरा
 
वरना हथेली दिन भर मलती रहेंगी आँखें
 
वरना हथेली दिन भर मलती रहेंगी आँखें
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14:19, 10 फ़रवरी 2025 के समय का अवतरण

गुज़री है रात कैसे सबसे कहेंगी आँखें
शरमा के ख़ुद से ख़ुद ही यारो झुकेंगी आँखें

महबूब मेरे मुझको तस्वीर अपनी दे जा
तन्हाइयों में उससे बातें करेंगी आँखें

उसने कहा था मुझसे परदेस जाने वाले
आने तलक तिरा ये रस्ता तकेंगी आँखें

मन में रहेगा मेरे बस प्यार का उजाला
हर राह ज़िन्दगी की रोशन करेंगी आँखें

हाथों में मेरे मेहँदी कब तक नहीं लगेगी
तन्हाइयों के ख़ूँ से कब तक रचेंगी आँखें

सुख-दुःख हैं इसके पहलू ये ज़िन्दगी है सिक्का
हालात ज़िन्दगी के ख़ुद ही कहेंगी आँखें

तू भी 'रक़ीब' सो जा होने को है सवेरा
वरना हथेली दिन भर मलती रहेंगी आँखें