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"अंधेरा दिन में गहराने लगा है / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास'" के अवतरणों में अंतर
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22:20, 13 फ़रवरी 2025 के समय का अवतरण
अंधेरा दिन में गहराने लगा है।
उजाले पर तरस आने लगा है।
बहुत घबरा रहा है सोचकर दिल,
जमाना किस तरफ़ जाने लगा है।
निभाने में, किये जनता से वादे,
पसीना तख्त को आने लगा है।
न है ऐसा फ़क़त पाये हिले हों,
असर बुनियाद तक जाने लगा है।
बहुत अच्छा न दिखता कल हमारा,
नया कानून चौंकाने लगा है।
ख़यालों को पुराने अब बदलिये,
पिसर वालिद को समझाने लगा है।
हमें ‘विश्वास’ लड़नी जंग होगी,
सितम पगड़ी से टकराने लगा है।