"परीक्षाबोर्ड से प्यार कर लिया जाए / नेहा नरुका" के अवतरणों में अंतर
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परीक्षा में सफलता प्राप्त कर चुके उस आदमी से | परीक्षा में सफलता प्राप्त कर चुके उस आदमी से | ||
− | एक परीक्षार्थी ने पूछा | + | एक परीक्षार्थी ने पूछा — |
− | + | आख़िर कोई परीक्षा कैसे निकाली जाए ? | |
− | उसने कहा | + | उसने कहा — एक बात कहूँ |
− | परीक्षा में सफल होने का बस एक ही तरीका है | + | परीक्षा में सफल होने का, बस, एक ही तरीका है |
परीक्षाबोर्ड से प्यार कर लिया जाए, | परीक्षाबोर्ड से प्यार कर लिया जाए, | ||
जैसे तुम किसी के प्यार में होते हो | जैसे तुम किसी के प्यार में होते हो | ||
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नहीं भूलते उस तक पहुँचाने वाली बस, रेलगाड़ी का टाइमटेबल | नहीं भूलते उस तक पहुँचाने वाली बस, रेलगाड़ी का टाइमटेबल | ||
नहीं परवाह करते पैसे, धारणाओं और भविष्य की | नहीं परवाह करते पैसे, धारणाओं और भविष्य की | ||
− | ठीक ऐसे ही परीक्षा | + | ठीक ऐसे ही परीक्षा है । |
उसके उत्तर से परीक्षार्थी गद-गद हो गया | उसके उत्तर से परीक्षार्थी गद-गद हो गया | ||
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परीक्षाबोर्ड से प्यार करने की कोशिश की | परीक्षाबोर्ड से प्यार करने की कोशिश की | ||
पर प्यार है कि हो ही नहीं रहा | पर प्यार है कि हो ही नहीं रहा | ||
− | आख़िर कोई शुष्क, बेज़ान, | + | आख़िर कोई शुष्क, बेज़ान, भ्रष्ट परीक्षाबोर्ड से |
प्यार कैसे कर ले | प्यार कैसे कर ले | ||
किसी मनुष्य से प्यार करना किसी वस्तु से प्यार करना | किसी मनुष्य से प्यार करना किसी वस्तु से प्यार करना | ||
पंक्ति 29: | पंक्ति 29: | ||
पर दूर खड़ा सफलता का घोड़ा | पर दूर खड़ा सफलता का घोड़ा | ||
उसे यही सिखाता है कि वह कैसे भी करके | उसे यही सिखाता है कि वह कैसे भी करके | ||
− | वस्तुओं से प्यार करने लगे और मनुष्यों को भूल जाए! | + | वस्तुओं से प्यार करने लगे और मनुष्यों को भूल जाए ! |
ज़रूरत, चाहत, मज़बूरी परीक्षार्थी के पास भेष बदल-बदल कर आती है | ज़रूरत, चाहत, मज़बूरी परीक्षार्थी के पास भेष बदल-बदल कर आती है | ||
वह फिर से वही पुरानी किताबें उठाता है | वह फिर से वही पुरानी किताबें उठाता है | ||
जिनके कवरपेज और भूमिका में | जिनके कवरपेज और भूमिका में | ||
− | सफलता की | + | सफलता की गारण्टीवाले नुस्ख़े हैं |
पलटता है, दोहराता है, पेन के निशान बनाता है | पलटता है, दोहराता है, पेन के निशान बनाता है | ||
− | सोचता है | + | सोचता है — इस बार अन्तिम प्रयास ! |
− | फिर सोचता है | + | फिर सोचता है — नहीं हुआ तो क्या करेगा ? |
कोई अन्य तैयारी भी तो नहीं कि इसके सिवाय | कोई अन्य तैयारी भी तो नहीं कि इसके सिवाय | ||
इस पूरी प्रकिया में प्यार तो दूर-दूर तक नहीं है | इस पूरी प्रकिया में प्यार तो दूर-दूर तक नहीं है | ||
− | परीक्षार्थी | + | परीक्षार्थी करेण्ट अफ़ेयर्स पढ़ रहा है |
कहीं दूर दो देशों में युद्ध हो रहा है | कहीं दूर दो देशों में युद्ध हो रहा है | ||
उस युद्ध की पीड़ा और क्रूरता के निशान | उस युद्ध की पीड़ा और क्रूरता के निशान | ||
वह अपने पड़ोसियों, परिचितों, परिवारवालों के चेहरों पर | वह अपने पड़ोसियों, परिचितों, परिवारवालों के चेहरों पर | ||
रोज़ पढ़ रहा है | रोज़ पढ़ रहा है | ||
− | तभी सफल आदमी उसकी स्मृति पर कब्ज़ा करता है | + | तभी सफल आदमी उसकी स्मृति पर कब्ज़ा करता है — |
ये क्या पढ़ रहे हो ? | ये क्या पढ़ रहे हो ? | ||
इनका तुम्हारे परीक्षाबोर्ड से कोई लेना-देना ही नहीं है, | इनका तुम्हारे परीक्षाबोर्ड से कोई लेना-देना ही नहीं है, | ||
छोड़ो इसे | छोड़ो इसे | ||
सिर्फ़ पढ़ने से थोड़े ही होता है सिलेक्शन | सिर्फ़ पढ़ने से थोड़े ही होता है सिलेक्शन | ||
− | + | स्मार्टफ़ोन की तरह स्मार्ट बनो, उससे होता है सिलेक्शन | |
सिर्फ़ वह पढ़ो जो तुम्हारा परीक्षा बोर्ड पूछ सकता है | सिर्फ़ वह पढ़ो जो तुम्हारा परीक्षा बोर्ड पूछ सकता है | ||
पंक्ति 57: | पंक्ति 57: | ||
या मेरी तरह बना सकते हो सफलता की डायरी | या मेरी तरह बना सकते हो सफलता की डायरी | ||
− | परीक्षाबोर्ड का डर | + | परीक्षाबोर्ड का डर रात-दिन परीक्षार्थी को |
मच्छर की तरह काटता है | मच्छर की तरह काटता है | ||
और जिससे आप डरते हों उससे प्यार कैसे कर सकते हैं ? | और जिससे आप डरते हों उससे प्यार कैसे कर सकते हैं ? | ||
परीक्षा का कीटाणु परीक्षार्थी के रग-रग में घुस चुका है | परीक्षा का कीटाणु परीक्षार्थी के रग-रग में घुस चुका है | ||
− | वह जहाँ भी जाता है साथ जाता है ये कीटाणु | + | वह जहाँ भी जाता है, साथ जाता है ये कीटाणु |
घर, बाज़ार, ट्रेन, कोचिंग हर जगह कोई जगह नहीं छूटी इससे | घर, बाज़ार, ट्रेन, कोचिंग हर जगह कोई जगह नहीं छूटी इससे | ||
पंक्ति 73: | पंक्ति 73: | ||
उसके साथ कई और कुत्ते झपटते हैं | उसके साथ कई और कुत्ते झपटते हैं | ||
इतने कुत्ते कि वह उन्हें अंगुलियों से गिन नहीं पता | इतने कुत्ते कि वह उन्हें अंगुलियों से गिन नहीं पता | ||
− | पता | + | पता नहीं रोटी किसे मिली ? |
वह फिर से परीक्षाबोर्ड से प्यार करने वाली बात दोहराता है | वह फिर से परीक्षाबोर्ड से प्यार करने वाली बात दोहराता है | ||
उसे वह आदमी याद आता है तो | उसे वह आदमी याद आता है तो | ||
− | कविता के शुरू में आया था बीच में आया था | + | कविता के शुरू में आया था, बीच में आया था |
− | और अब | + | और अब अन्त में आ रहा है |
मुझे अब भी सब याद है | मुझे अब भी सब याद है | ||
पेपर तो अभी लिख दूँ | पेपर तो अभी लिख दूँ | ||
मैं अब भी आठ से बारह घण्टे रोज़ पढ़ता हूँ | मैं अब भी आठ से बारह घण्टे रोज़ पढ़ता हूँ | ||
मुझे तो मज़ा आता है पढ़ने में | मुझे तो मज़ा आता है पढ़ने में | ||
− | तुम्हें भी | + | तुम्हें भी मज़ा आना चाहिए ? |
− | मुझे नहीं आता | + | मुझे नहीं आता मज़ा |
− | वह नींद में | + | वह नींद में चीख़ना चाहता है |
मुझे कहीं भागना है | मुझे कहीं भागना है | ||
पता नहीं कहाँ ? | पता नहीं कहाँ ? | ||
पंक्ति 93: | पंक्ति 93: | ||
आसपास बहुत सारे मनुष्य | आसपास बहुत सारे मनुष्य | ||
जिन्हें वह प्यार करे तो कोई उसके | जिन्हें वह प्यार करे तो कोई उसके | ||
− | धड़ के ऊपर कीलें न | + | धड़ के ऊपर कीलें न चुभाए । |
− | + | 2023 | |
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22:38, 23 फ़रवरी 2025 के समय का अवतरण
परीक्षा में सफलता प्राप्त कर चुके उस आदमी से
एक परीक्षार्थी ने पूछा —
आख़िर कोई परीक्षा कैसे निकाली जाए ?
उसने कहा — एक बात कहूँ
परीक्षा में सफल होने का, बस, एक ही तरीका है
परीक्षाबोर्ड से प्यार कर लिया जाए,
जैसे तुम किसी के प्यार में होते हो
तो रोज़ उसे नियम से फ़ोन लगाना नहीं भूलते,
नहीं भूलते उस तक पहुँचाने वाली बस, रेलगाड़ी का टाइमटेबल
नहीं परवाह करते पैसे, धारणाओं और भविष्य की
ठीक ऐसे ही परीक्षा है ।
उसके उत्तर से परीक्षार्थी गद-गद हो गया
घर आकर उसने भी
परीक्षाबोर्ड से प्यार करने की कोशिश की
पर प्यार है कि हो ही नहीं रहा
आख़िर कोई शुष्क, बेज़ान, भ्रष्ट परीक्षाबोर्ड से
प्यार कैसे कर ले
किसी मनुष्य से प्यार करना किसी वस्तु से प्यार करना
एक जैसा कैसे हो सकता है ?
पर दूर खड़ा सफलता का घोड़ा
उसे यही सिखाता है कि वह कैसे भी करके
वस्तुओं से प्यार करने लगे और मनुष्यों को भूल जाए !
ज़रूरत, चाहत, मज़बूरी परीक्षार्थी के पास भेष बदल-बदल कर आती है
वह फिर से वही पुरानी किताबें उठाता है
जिनके कवरपेज और भूमिका में
सफलता की गारण्टीवाले नुस्ख़े हैं
पलटता है, दोहराता है, पेन के निशान बनाता है
सोचता है — इस बार अन्तिम प्रयास !
फिर सोचता है — नहीं हुआ तो क्या करेगा ?
कोई अन्य तैयारी भी तो नहीं कि इसके सिवाय
इस पूरी प्रकिया में प्यार तो दूर-दूर तक नहीं है
परीक्षार्थी करेण्ट अफ़ेयर्स पढ़ रहा है
कहीं दूर दो देशों में युद्ध हो रहा है
उस युद्ध की पीड़ा और क्रूरता के निशान
वह अपने पड़ोसियों, परिचितों, परिवारवालों के चेहरों पर
रोज़ पढ़ रहा है
तभी सफल आदमी उसकी स्मृति पर कब्ज़ा करता है —
ये क्या पढ़ रहे हो ?
इनका तुम्हारे परीक्षाबोर्ड से कोई लेना-देना ही नहीं है,
छोड़ो इसे
सिर्फ़ पढ़ने से थोड़े ही होता है सिलेक्शन
स्मार्टफ़ोन की तरह स्मार्ट बनो, उससे होता है सिलेक्शन
सिर्फ़ वह पढ़ो जो तुम्हारा परीक्षा बोर्ड पूछ सकता है
जैसे तुम भी मेरी तरह खान सर के वीडियो देख सकते हो
या मेरी तरह बना सकते हो सफलता की डायरी
परीक्षाबोर्ड का डर रात-दिन परीक्षार्थी को
मच्छर की तरह काटता है
और जिससे आप डरते हों उससे प्यार कैसे कर सकते हैं ?
परीक्षा का कीटाणु परीक्षार्थी के रग-रग में घुस चुका है
वह जहाँ भी जाता है, साथ जाता है ये कीटाणु
घर, बाज़ार, ट्रेन, कोचिंग हर जगह कोई जगह नहीं छूटी इससे
परीक्षार्थी रोज़ सोने से पहले 100 प्रश्न सॉल्व करता है
101वां प्रश्न सॉल्व करते हुए वह
परीक्षा बोर्ड के निर्देश पढ़ने लगता है
परीक्षाबोर्ड मालिक की तरह उस पर हावी होता जा रहा है
वह उसके सामने कुत्ते की तरह अपने चूतड़ खुजलाता है
मालिक सूखी रोटी फेंकता है
वह कुत्तों की तरह रोटियों पर झपटता है
उसके साथ कई और कुत्ते झपटते हैं
इतने कुत्ते कि वह उन्हें अंगुलियों से गिन नहीं पता
पता नहीं रोटी किसे मिली ?
वह फिर से परीक्षाबोर्ड से प्यार करने वाली बात दोहराता है
उसे वह आदमी याद आता है तो
कविता के शुरू में आया था, बीच में आया था
और अब अन्त में आ रहा है
मुझे अब भी सब याद है
पेपर तो अभी लिख दूँ
मैं अब भी आठ से बारह घण्टे रोज़ पढ़ता हूँ
मुझे तो मज़ा आता है पढ़ने में
तुम्हें भी मज़ा आना चाहिए ?
मुझे नहीं आता मज़ा
वह नींद में चीख़ना चाहता है
मुझे कहीं भागना है
पता नहीं कहाँ ?
शायद वहाँ जहाँ जीने के लिए
एक ठीक-ठाक काम मिल जाए
रहने के लिए छोटा-सा ठिकाना
आसपास बहुत सारे मनुष्य
जिन्हें वह प्यार करे तो कोई उसके
धड़ के ऊपर कीलें न चुभाए ।
2023