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"मैं फिर भी उठती हूं / माया एंजलो / देवेश पथ सारिया" के अवतरणों में अंतर

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अपने कड़वे, मुड़े-तुड़े झूठों से
 
अपने कड़वे, मुड़े-तुड़े झूठों से
 
तुम मुझे गंदगी में कुचल सकते हो
 
तुम मुझे गंदगी में कुचल सकते हो
फ़िर भी, धूल की तरह, मैं उठूंगी। 
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फ़िर भी, धूल की तरह, मैं उठूँगी । 
  
क्या मेरी उन्मुक्तता तुम्हें तंग करती है?
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क्या मेरी उन्मुक्तता तुम्हें तंग करती है ?
क्यों घिरे हो तुम अंधकार में?
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क्यों घिरे हो तुम अन्धकार में ?
क्योंकि मैं चलती हूं
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क्योंकि मैं चलती हूँ
 
जैसे मेरे पास हों
 
जैसे मेरे पास हों
कमरे में तेल उगलते हुए कुएं। 
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कमरे में तेल उगलते हुए कुएँ । 
  
 
चांदों और सूरजों की तरह
 
चांदों और सूरजों की तरह
 
ज्वार भाटों की निश्चितता के साथ
 
ज्वार भाटों की निश्चितता के साथ
उम्मीद की तरह फूट पड़ूंगी
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उम्मीद की तरह फूट पड़ूँगी
मैं फ़िर भी उठूंगी। 
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मैं फिर भी उठूंगी। 
  
क्या तुम देखना चाहते थे मुझे विखंडित?
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क्या तुम देखना चाहते थे मुझे विखण्डित ?
मेरा सर झुका हुआ और नज़रें गड़ी हुईं?
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मेरा सर झुका हुआ और नज़रें गड़ी हुईं ?
कंधे आंसुओं की तरह गिरते हुए
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कंधे आँसुओं की तरह गिरते हुए
मेरे भावपूर्ण रुदन से (मुझे) कमज़ोर ? 
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मेरे भावपूर्ण रुदन से कमज़ोर ? 
  
क्या मेरा गर्वीलापन तुम्हें करता है नाराज़?
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क्या मेरा गर्वीलापन तुम्हें करता है नाराज़ ?
 
क्या तुम उसे कुछ ज़्यादा ही महसूस नहीं करते
 
क्या तुम उसे कुछ ज़्यादा ही महसूस नहीं करते
क्योंकि मैं हंसती हूं
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क्योंकि मैं हंसती हूँ
जैसे मेरे आंगन में सोने की खदानें हों। 
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जैसे मेरे आँगन में सोने की खदानें हों । 
  
 
तुम मुझे गोली मार सकते हो अपने शब्दों से
 
तुम मुझे गोली मार सकते हो अपने शब्दों से
अपनी आंखों से काट सकते हो तुम मुझे
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अपनी आँखों से काट सकते हो तुम मुझे
 
मार सकते हो तुम मुझे अपनी नफ़रत से
 
मार सकते हो तुम मुझे अपनी नफ़रत से
फ़िर भी, हवा की तरह, मैं उठूंगी। 
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फिर भी, हवा की तरह, मैं उठूँगी । 
  
क्या मेरी कामुकता तुम्हें दुखी करती है?
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क्या यह एक आश्चर्य है तुम्हारे लिए
 
क्या यह एक आश्चर्य है तुम्हारे लिए
कि मैं नाचती हूं
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जैसे मेरी जांघों के संधिबिंदु पर हीरे गड़े हों 
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जैसे मेरी जांघों के सन्धिबिन्दु पर हीरे गड़े हों 
  
 
इतिहास की शर्मनाक झोपड़ियों से बाहर
 
इतिहास की शर्मनाक झोपड़ियों से बाहर
मैं उठूंगी
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मैं उठूँगी
 
दर्द में गड़े भूतकाल से ऊपर
 
दर्द में गड़े भूतकाल से ऊपर
मैं उठूंगी
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मैं उठूँगी
मैं एक काला समुद्र हूं, फैलता हुआ और विस्तृत
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मैं एक काला समुद्र हूँ, फैलता हुआ और विस्तृत
मैं सहती हूं ज्वार के दौरान उफनना और उमड़ना 
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मैं सहती हूँ ज्वार के दौरान उफनना और उमड़ना 
  
 
आतंक और डर की रातों को पीछे छोड़ते हुए
 
आतंक और डर की रातों को पीछे छोड़ते हुए
मैं उठती हूं
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मैं उठती हूँ
 
अद्भुत स्पष्ट भोर के साथ
 
अद्भुत स्पष्ट भोर के साथ
मैं उठती हूं
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मैं उठती हूँ
अपने पूर्वजों के दिए उपहार मैं लाती हूं साथ
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अपने पूर्वजों के दिए उपहार मैं लाती हूँ साथ
मैं स्वप्न हूं और हूं दासों की उम्मीद
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मैं स्वप्न हूँ और हूँ दासों की उम्मीद
मैं उठती हूं
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मैं उठती हूँ
मैं उठती हूं
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मैं उठती हूँ
मैं उठती हूं। 
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मैं उठती हूँ । 
  
 
'''अंग्रेज़ी से अनुवाद: देवेश पथ सारिया'''
 
'''अंग्रेज़ी से अनुवाद: देवेश पथ सारिया'''
 
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18:26, 28 फ़रवरी 2025 के समय का अवतरण

तुम मेरा इतिहास लिख सकते हो
अपने कड़वे, मुड़े-तुड़े झूठों से
तुम मुझे गंदगी में कुचल सकते हो
फ़िर भी, धूल की तरह, मैं उठूँगी । 

क्या मेरी उन्मुक्तता तुम्हें तंग करती है ?
क्यों घिरे हो तुम अन्धकार में ?
क्योंकि मैं चलती हूँ
जैसे मेरे पास हों
कमरे में तेल उगलते हुए कुएँ । 

चांदों और सूरजों की तरह
ज्वार भाटों की निश्चितता के साथ
उम्मीद की तरह फूट पड़ूँगी
मैं फिर भी उठूंगी। 

क्या तुम देखना चाहते थे मुझे विखण्डित ?
मेरा सर झुका हुआ और नज़रें गड़ी हुईं ?
कंधे आँसुओं की तरह गिरते हुए
मेरे भावपूर्ण रुदन से कमज़ोर ? 

क्या मेरा गर्वीलापन तुम्हें करता है नाराज़ ?
क्या तुम उसे कुछ ज़्यादा ही महसूस नहीं करते
क्योंकि मैं हंसती हूँ
जैसे मेरे आँगन में सोने की खदानें हों । 

तुम मुझे गोली मार सकते हो अपने शब्दों से
अपनी आँखों से काट सकते हो तुम मुझे
मार सकते हो तुम मुझे अपनी नफ़रत से
फिर भी, हवा की तरह, मैं उठूँगी । 

क्या मेरी कामुकता तुम्हें दुखी करती है ?
क्या यह एक आश्चर्य है तुम्हारे लिए
कि मैं नाचती हूँ
जैसे मेरी जांघों के सन्धिबिन्दु पर हीरे गड़े हों 

इतिहास की शर्मनाक झोपड़ियों से बाहर
मैं उठूँगी
दर्द में गड़े भूतकाल से ऊपर
मैं उठूँगी
मैं एक काला समुद्र हूँ, फैलता हुआ और विस्तृत
मैं सहती हूँ ज्वार के दौरान उफनना और उमड़ना 

आतंक और डर की रातों को पीछे छोड़ते हुए
मैं उठती हूँ
अद्भुत स्पष्ट भोर के साथ
मैं उठती हूँ
अपने पूर्वजों के दिए उपहार मैं लाती हूँ साथ
मैं स्वप्न हूँ और हूँ दासों की उम्मीद
मैं उठती हूँ
मैं उठती हूँ
मैं उठती हूँ । 

अंग्रेज़ी से अनुवाद: देवेश पथ सारिया