भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"क्या-क्या न सहे हमने सितम आधी रात तक / अशोक अंजुम" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अशोक अंजुम |अनुवादक= |संग्रह=अशोक...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

23:32, 9 मार्च 2025 के समय का अवतरण

क्या-क्या न सहे हमने सितम आधी रात तक
बेगम को नहीं आया रहम आधी रात तक

साड़ी न थी पसन्द तो लेते उसे बदल
रोते ही रहे हाए सनम आधी रात तक

रोटी के इन्तजार में कुल कुनबा सो गया
लेकिन हुआ तवा न गरम आधी रात तक

कुछ तो बताइए कि तुम्हें क्या दूँ गिफ्ट मैं
उनकी हुई न दूर शरम आधी रात तक

पन्द्रह अगस्त दिन था सभी को था इन्तजार
बच्चा नहीं ले पाया जनम आधी रात तक