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"उस एक पल के लिए / सुकेश साहनी" के अवतरणों में अंतर
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एक पल के लिए | एक पल के लिए | ||
चाहें तो | चाहें तो | ||
− | चुरा | + | चुरा लें-नजरें |
या कि- | या कि- | ||
समेट लें | समेट लें | ||
उस पल को | उस पल को | ||
− | नवजात शिशु की | + | नवजात शिशु की तरह। |
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18:40, 29 मार्च 2025 के समय का अवतरण
बैठता
जरूर है
बंदूक पर कबूतर
चाहे एक पल के लिए
ठिठकते
जरूर हैं
खुदकुशी पर आमादा कदम
चाहे एक पल के लिए
धड़कता
जरूर है
धुन खाया उदास दिल
चाहे एक पल के लिए
जवाबदेही
हमारी भी है
दोस्तो
उस-
एक पल के लिए
चाहें तो
चुरा लें-नजरें
या कि-
समेट लें
उस पल को
नवजात शिशु की तरह।