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22:00, 26 अप्रैल 2025 का अवतरण
मेरे मन में तुम सुलगती और जलती हो,
मेरे मन में अग्नि ज्वाला सी भड़कती हो,
अनन्त समय तक जलने वाली अग्नि में
तुम स्फटिक सी निर्मल बन चमकती हो।
मैं अभागा, दुख़ी हूँ बेहद और हूँ लाचार
रंज में हूँ वैसे ही मैं, जैसा मेरा