"जीना कोई हँसी खेल नहीं है / नाज़िम हिक़मत / अनिल जनविजय" के अवतरणों में अंतर
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पर उसपर ज़रा भी विश्वास नहीं करते हो | पर उसपर ज़रा भी विश्वास नहीं करते हो | ||
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समय से पहले यह दुनिया छोड़कर चले जाने को लेकर | समय से पहले यह दुनिया छोड़कर चले जाने को लेकर | ||
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− | फिर भी हम चुटकुले सुनकर हँसेंगे, | + | फिर भी हम बेक्ताशी के चुटकुले सुनकर हँसेंगे, |
हम खिड़की से बाहर झाँकेंगे | हम खिड़की से बाहर झाँकेंगे | ||
यह देखने के लिए कि बारिश हो रही है या नहीं, | यह देखने के लिए कि बारिश हो रही है या नहीं, | ||
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और वहाँ, पहले ही हमले में हम, मुँह के बल ज़मीन पर | और वहाँ, पहले ही हमले में हम, मुँह के बल ज़मीन पर | ||
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+ | नीले मखमल में एक सितारा धब्बा, | ||
+ | वास्तव में, हमारी यह विशाल दुनिया। | ||
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+ | यह दुनिया एक दिन ठंडी हो जाएगी, | ||
+ | बर्फ के टुकड़े या मृत बादल की तरह भी नहीं, | ||
+ | यह एक खाली अखरोट की तरह लुढ़क जाएगी, | ||
+ | विशाल अंधकार में। | ||
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+ | इसका दर्द अभी सहा जाएगा, | ||
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+ | इस दुनिया को इस तरह प्यार किया जाएगा | ||
+ | ताकि आप कह सकें "मैं जीया"... | ||
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'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय''' | '''अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय''' | ||
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+ | '''लीजिए, अब यही कविता मूल तुर्की भाषा में पढ़िए''' | ||
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+ | YAŞAMAYA DAİR | ||
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+ | YASAMAK SAKAYA GELMEZ, | ||
+ | BÜYÜK BİR CİDDİYETLE YASAYACAKSIN | ||
+ | BİR SİNCAP GİBİ MESELA, | ||
+ | YANI, YASAMIN DIŞINDA VE ÖTESİNDE HİÇBİR ŞEY BEKLEMEDEN | ||
+ | YANI, BÜTÜN İŞİN GÜCÜN YASAMAK OLACAK. | ||
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+ | YAŞAMAYI CİDDİYE ALACAKSIN, | ||
+ | YANI, O DERECEDE, ÖYLESİNE Kİ, | ||
+ | MESELA, KOLLARIN BAĞLI ARKADAN, SIRTIN DUVARDA, | ||
+ | YAHUT, KOCAMAN GÖZLÜKLERİN, | ||
+ | BEYAZ GÖMLEĞİNLE BİR LABORATUARDA | ||
+ | İNSANLAR İÇİN ÖLEBİLECEKSİN, | ||
+ | HEM DE YÜZÜNÜ BİLE GÖRMEDİĞİN İNSANLAR İÇİN, | ||
+ | HEM DE HİÇ KİMSE SENİ BUNA ZORLAMAMIŞKEN, | ||
+ | HEM DE EN GÜZEL, | ||
+ | EN GERÇEK ŞEYİN YASAMAK OLDUĞUNU BİLDİĞİN HALDE. | ||
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+ | YANI, ÖYLESİNE CİDDİYE ALACAKSIN Kİ YASAMAYI, | ||
+ | YETMİŞİNDE BİLE, MESELA, ZEYTİN DİKECEKSİN, | ||
+ | HEM DE ÖYLE ÇOCUKLARA FALAN KALIR DİYE DEĞİL, | ||
+ | ÖLMEKTEN KORKTUĞUN HALDE ÖLÜME İNANMADIĞIN İÇİN, | ||
+ | YASAMAK, YANİ AĞIR BASTIĞINDAN. | ||
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+ | 1947 | ||
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+ | DİYELİM Kİ, AĞIR AMELİYATLIK HASTAYIZ, | ||
+ | YANI, BEYAZ MASADAN | ||
+ | BİR DAHA KALKMAMAK İHTİMALİ DE VAR | ||
+ | DUYMAMAK MÜMKÜN DEĞİLSE DE BİRAZ ERKEN GİTMENİN KEDERİNİ | ||
+ | BİZ YİNE DE GÜLECEĞİZ ANLATMAN BEKTAŞİ FIKRASINA, | ||
+ | HAVA YAĞMURLU MU, DİYE BAKACAĞIZ PENCEREDEN, | ||
+ | YAHUT DA YİNE SABIRSIZLIKLA BEKLEYECEĞİZ | ||
+ | EN SON AJANS HABERLERİNİ. | ||
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+ | DİYELİM Kİ, DÖVÜŞÜLMEYE DEĞER BİR ŞEYLER İÇİN, | ||
+ | DİYELİM Kİ, CEPHEDEYİZ. | ||
+ | DAHA ORDA İLK HÜCUMDA, DAHA O GÜN | ||
+ | YÜZÜKOYUN KAPAKLANIP ÖLMEK DE MÜMKÜN. | ||
+ | TUHAF BİR HINÇLA BİLECEĞİZ BUNU, | ||
+ | FAKAT YİNE DE ÇILDIRASIYA MERAK EDECEĞİZ | ||
+ | BELKİ YILLARCA SÜRECEK OLAN SAVASIN SONUNU | ||
+ | |||
+ | DİYELİM Kİ, HAPİSTEYİZ, | ||
+ | YASIMIZ DA ELLİYE YAKIN, | ||
+ | DAHA DA ON SEKİZ SENE OLSUN AÇILMASINA DEMİR KAPININ. | ||
+ | YİNE DE DIŞARIYLA BERABER YASAYACAĞIZ, | ||
+ | İNSANLARI, HAYVANLARI, KAVGASI VE RÜZGARIYLA | ||
+ | YANI, DUVARIN ARKASINDAKİ DIŞARIYLA. | ||
+ | |||
+ | YANİ, NASIL VE NERDE OLURSAK OLALIM | ||
+ | HİÇ ÖLÜNMEYECEKMİŞ GİBİ YAŞANACAK... | ||
+ | |||
+ | 1948 | ||
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+ | (3) | ||
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+ | BU DÜNYA SOĞUYACAK, | ||
+ | YILDIZLARIN ARASINDA BİR YILDIZ, | ||
+ | HEM DE EN UFACIKLARINDAN, | ||
+ | MAVİ KADİFEDE BİR YILDIZ ZERRESİ YANI, | ||
+ | YANI, BU KOSKOCAMAN DÜNYAMIZ. | ||
+ | |||
+ | BU DÜNYA SOĞUYACAK GÜNÜN BİRİNDE, | ||
+ | HATTA BİR BUZ YIĞINI | ||
+ | YAHUT ÖLÜ BİR BULUT GİBİ DE DEĞİL, | ||
+ | BOŞ BİR CEVİZ GİBİ YUVARLANACAK | ||
+ | ZİFİRİ KARANLIKTA UÇSUZ BUCAKSIZ. | ||
+ | |||
+ | ŞİMDİDEN ÇEKİLECEK ACISI BUNUN, | ||
+ | DUYULACAK MAHZUNLUĞU ŞİMDİDEN. | ||
+ | BÖYLESİNE SEVİLECEK BU DÜNYA | ||
+ | "YAŞADIM" DİYEBİLMEN İÇİN... | ||
+ | |||
+ | ŞUBAT 1948 | ||
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17:30, 30 मई 2025 के समय का अवतरण
एक
जीना कोई हँसी खेल नहीं है
तुम्हें जीना चाहिए बड़ी संजीदगी के साथ
वैसे ही जैसे ज़िन्दगी जीती है गिलहरी, बानगी के लिए —
जीने से परे और जीने के सिवा
किसी भी चीज़ की तलाश न करो,
जीना ही तुम्हारा सबसे ज़रूरी काम हो ।
जीना कोई हँसी खेल नहीं है
तुम्हें जीना चाहिए बड़ी संजीदगी के साथ
संजीदगी इतनी होनी चाहिए,
मेरा मतलब है कि इस हद तक होनी चाहिए,
बानगी के लिए — तुम्हारे हाथ बँधे हुए हों
पीठ के पीछे
और पीठ सटी हो दीवार से
या फिर प्रयोगशाला में हो तुम
अपने सफ़ेद कोट और सुरक्षा चश्मे में,
लेकिन तब भी तुम लोगों के लिए अपनी जान दे सको —
चाहे तुमने पहले कभी उनके चेहरे भी न देखे हों,
और चाहे तुम जानते हो कि जीना ही एकदम असली
और ख़ूबसूरत शय है ।
मेरा मतलब है कि तुम्हें
इतनी संजीदगी के साथ यह ज़िन्दगी जीनी चाहिए
कि सत्तर साल की उम्र में भी
बानगी के लिए — जैतून के पेड़ लगा सको
जो तुम्हारे बच्चों के लिए नहीं होंगे,
हाँलाकि तुम मौत से डरते हो
पर उसपर ज़रा भी विश्वास नहीं करते हो
क्योंकि ज़िन्दगी मौत से बेहतर और भारी है ।
1947
दो
मान लो कि हम बेहद बीमार हैं
हमें जर्राही (शल्य चिकित्सा) की ज़रूरत है
और ऐसा हो सकता है कि हम
उस सफ़ेद मेज़ से कभी उठ भी न पाएँ,
हालाँकि ऐसा नहीं हो सकता कि हम
समय से पहले यह दुनिया छोड़कर चले जाने को लेकर
ज़रा भी दुखी न हों,
फिर भी हम बेक्ताशी के चुटकुले सुनकर हँसेंगे,
हम खिड़की से बाहर झाँकेंगे
यह देखने के लिए कि बारिश हो रही है या नहीं,
और नई से नई ख़बरें सुनने के लिए बेचैन रहेंगे ।
मान लो कि हम मोर्चे पर हैं,
किसी ऐसी चीज़ के लिए, जिसके लिए लड़ना ज़रूरी है
और वहाँ, पहले ही हमले में हम, मुँह के बल ज़मीन पर
गिर सकते हैं और मर सकते हैं ।
1948
तीन
यह दुनिया ठंडी हो जाएगी,
सितारों के बीच एक सितारा,
और उनमें से सबसे छोटा,
नीले मखमल में एक सितारा धब्बा,
वास्तव में, हमारी यह विशाल दुनिया।
यह दुनिया एक दिन ठंडी हो जाएगी,
बर्फ के टुकड़े या मृत बादल की तरह भी नहीं,
यह एक खाली अखरोट की तरह लुढ़क जाएगी,
विशाल अंधकार में।
इसका दर्द अभी सहा जाएगा,
दुख अभी महसूस किया जाएगा।
इस दुनिया को इस तरह प्यार किया जाएगा
ताकि आप कह सकें "मैं जीया"...
फरवरी 1948
अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय
लीजिए, अब यही कविता अँग्रेज़ी अनुवाद में पढ़िए
Nâzim Hikmet
On Living
I
Living is no laughing matter:
you must live with great seriousness
like a squirrel, for example—
I mean without looking for something beyond and above living,
I mean living must be your whole occupation.
Living is no laughing matter:
you must take it seriously,
so much so and to such a degree
that, for example, your hands tied behind your back,
your back to the wall,
or else in a laboratory
in your white coat and safety glasses,
you can die for people—
even for people whose faces you’ve never seen,
even though you know living
is the most real, the most beautiful thing.
I mean, you must take living so seriously
that even at seventy, for example, you’ll plant olive trees—
and not for your children, either,
but because although you fear death you don’t believe it,
because living, I mean, weighs heavier.
II
Let’s say we’re seriously ill, need surgery—
which is to say we might not get up
from the white table.
Even though it’s impossible not to feel sad
about going a little too soon,
we’ll still laugh at the jokes being told,
we’ll look out the window to see if it’s raining,
or still wait anxiously
for the latest newscast. . .
Let’s say we’re at the front—
for something worth fighting for, say.
There, in the first offensive, on that very day,
we might fall on our face, dead.
We’ll know this with a curious anger,
but we’ll still worry ourselves to death
about the outcome of the war, which could last years.
Let’s say we’re in prison
and close to fifty,
and we have eighteen more years, say,
before the iron doors will open.
We’ll still live with the outside,
with its people and animals, struggle and wind—
I mean with the outside beyond the walls.
I mean, however and wherever we are,
we must live as if we will never die.
III
This earth will grow cold,
a star among stars
and one of the smallest,
a gilded mote on blue velvet—
I mean this, our great earth.
This earth will grow cold one day,
not like a block of ice
or a dead cloud even
but like an empty walnut it will roll along
in pitch-black space . . .
You must grieve for this right now
—you have to feel this sorrow now—
for the world must be loved this much
if you’re going to say “I lived”. . .
Translated by Randy Blasing and Mutlu Konuk
लीजिए, अब यही कविता मूल तुर्की भाषा में पढ़िए
YAŞAMAYA DAİR
(1)
YASAMAK SAKAYA GELMEZ,
BÜYÜK BİR CİDDİYETLE YASAYACAKSIN
BİR SİNCAP GİBİ MESELA,
YANI, YASAMIN DIŞINDA VE ÖTESİNDE HİÇBİR ŞEY BEKLEMEDEN
YANI, BÜTÜN İŞİN GÜCÜN YASAMAK OLACAK.
YAŞAMAYI CİDDİYE ALACAKSIN,
YANI, O DERECEDE, ÖYLESİNE Kİ,
MESELA, KOLLARIN BAĞLI ARKADAN, SIRTIN DUVARDA,
YAHUT, KOCAMAN GÖZLÜKLERİN,
BEYAZ GÖMLEĞİNLE BİR LABORATUARDA
İNSANLAR İÇİN ÖLEBİLECEKSİN,
HEM DE YÜZÜNÜ BİLE GÖRMEDİĞİN İNSANLAR İÇİN,
HEM DE HİÇ KİMSE SENİ BUNA ZORLAMAMIŞKEN,
HEM DE EN GÜZEL,
EN GERÇEK ŞEYİN YASAMAK OLDUĞUNU BİLDİĞİN HALDE.
YANI, ÖYLESİNE CİDDİYE ALACAKSIN Kİ YASAMAYI,
YETMİŞİNDE BİLE, MESELA, ZEYTİN DİKECEKSİN,
HEM DE ÖYLE ÇOCUKLARA FALAN KALIR DİYE DEĞİL,
ÖLMEKTEN KORKTUĞUN HALDE ÖLÜME İNANMADIĞIN İÇİN,
YASAMAK, YANİ AĞIR BASTIĞINDAN.
1947
(2)
DİYELİM Kİ, AĞIR AMELİYATLIK HASTAYIZ,
YANI, BEYAZ MASADAN
BİR DAHA KALKMAMAK İHTİMALİ DE VAR
DUYMAMAK MÜMKÜN DEĞİLSE DE BİRAZ ERKEN GİTMENİN KEDERİNİ
BİZ YİNE DE GÜLECEĞİZ ANLATMAN BEKTAŞİ FIKRASINA,
HAVA YAĞMURLU MU, DİYE BAKACAĞIZ PENCEREDEN,
YAHUT DA YİNE SABIRSIZLIKLA BEKLEYECEĞİZ
EN SON AJANS HABERLERİNİ.
DİYELİM Kİ, DÖVÜŞÜLMEYE DEĞER BİR ŞEYLER İÇİN,
DİYELİM Kİ, CEPHEDEYİZ.
DAHA ORDA İLK HÜCUMDA, DAHA O GÜN
YÜZÜKOYUN KAPAKLANIP ÖLMEK DE MÜMKÜN.
TUHAF BİR HINÇLA BİLECEĞİZ BUNU,
FAKAT YİNE DE ÇILDIRASIYA MERAK EDECEĞİZ
BELKİ YILLARCA SÜRECEK OLAN SAVASIN SONUNU
DİYELİM Kİ, HAPİSTEYİZ,
YASIMIZ DA ELLİYE YAKIN,
DAHA DA ON SEKİZ SENE OLSUN AÇILMASINA DEMİR KAPININ.
YİNE DE DIŞARIYLA BERABER YASAYACAĞIZ,
İNSANLARI, HAYVANLARI, KAVGASI VE RÜZGARIYLA
YANI, DUVARIN ARKASINDAKİ DIŞARIYLA.
YANİ, NASIL VE NERDE OLURSAK OLALIM
HİÇ ÖLÜNMEYECEKMİŞ GİBİ YAŞANACAK...
1948
(3)
BU DÜNYA SOĞUYACAK,
YILDIZLARIN ARASINDA BİR YILDIZ,
HEM DE EN UFACIKLARINDAN,
MAVİ KADİFEDE BİR YILDIZ ZERRESİ YANI,
YANI, BU KOSKOCAMAN DÜNYAMIZ.
BU DÜNYA SOĞUYACAK GÜNÜN BİRİNDE,
HATTA BİR BUZ YIĞINI
YAHUT ÖLÜ BİR BULUT GİBİ DE DEĞİL,
BOŞ BİR CEVİZ GİBİ YUVARLANACAK
ZİFİRİ KARANLIKTA UÇSUZ BUCAKSIZ.
ŞİMDİDEN ÇEKİLECEK ACISI BUNUN,
DUYULACAK MAHZUNLUĞU ŞİMDİDEN.
BÖYLESİNE SEVİLECEK BU DÜNYA
"YAŞADIM" DİYEBİLMEN İÇİN...
ŞUBAT 1948