भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"समाधि-लेख / रसूल हमज़ातफ़ / रमेश कौशिक" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रसूल हमज़ातफ़ |अनुवादक=रमेश कौशि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

20:47, 7 जुलाई 2025 के समय का अवतरण

जब ज़िन्दा था
   प्यार किया था
   मर कर लेटा
   आज यहाँ

कौन बगल में
   मेरी लेटी
   मुझको कुछ भी
   नहीं पता

अंग्रेज़ी से अनुवाद : रमेश कौशिक