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"द्वार पर आलेख / रसूल हमज़ातफ़ / मदनलाल मधु" के अवतरणों में अंतर

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मेरे घर की अगर उपेक्षा, कर तू जाए, राही !
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तुझ पर बादल-बिजली टूटें, तुझ पर बादल बिजली !
 
तुझ पर बादल-बिजली टूटें, तुझ पर बादल बिजली !
मेरे घर से अगर दुखी मन, हो तू जाए, राही !
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मुझ पर बादल-बिजली टूटें, मुझ पर बादल-बिजली !   
 
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'''रूसी भाषा से अनुवाद : मदनलाल मधु'''
 
'''रूसी भाषा से अनुवाद : मदनलाल मधु'''
 
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21:20, 4 अगस्त 2025 के समय का अवतरण

मेरे घर की अगर उपेक्षा कर तू जाए, राही !
तुझ पर बादल-बिजली टूटें, तुझ पर बादल बिजली !
मेरे घर से अगर दुखी मन हो तू जाए, राही !
मुझ पर बादल-बिजली टूटें, मुझ पर बादल-बिजली !

रूसी भाषा से अनुवाद : मदनलाल मधु