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"किताबें जलाना / बैर्तोल्त ब्रेष्त / विनोद दास" के अवतरणों में अंतर

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जब सत्ता ने ख़तरनाक सीख देने वाली किताबों को  
 
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सरेआम जलाने का हुक़्म दिया  
 
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जगह- जगह किताबों से लदी गाड़ियों को  
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बैल खींचकर  
 
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मरघट की आग की ओर ले जा  रहे थे   
 
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जब एक उम्रदराज़-उम्दा कवि को पता चला  
 
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तो वह आग बबूला हो गए।
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वह अपनी लिखने की मेज़ की तरफ़ भागे।
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गुस्से से तमतमाकर उन्होंने हुक्मरानों को खत लिखा  
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“ जला दो मुझे ! ”  
 
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वह घसीटा मारकर कलम से लिख रहे थे,  
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“जला दो मुझे !  “
 
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मेरे साथ ऐसा बुरा न करो।  
 
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मेरी किताब जलाने से न छोड़ो।  
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क्या मैंने अपनी किताब में सचाई बयान नहीं की है?  
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अब तुम मेरे साथ ऐसा बर्ताव कर रहे हो  
 
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गोया मैं झूठा हूँ ।  
 
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मैं तुम्हें हुक्म देता हूँ: मुझे जला दो !
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मैं तुम्हें हुक़्म देता हूँ : मुझे जला दो !
  
 
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : विनोद दास'''
 
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : विनोद दास'''
 
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13:33, 12 अगस्त 2025 के समय का अवतरण

जब सत्ता ने ख़तरनाक सीख देने वाली किताबों को
सरेआम जलाने का हुक़्म दिया
जगह - जगह किताबों से लदी गाड़ियों को
बैल खींचकर
मरघट की आग की ओर ले जा रहे थे

जब एक उम्रदराज़-उम्दा कवि को पता चला
कि जलाई जाने वाली किताबों की फ़ेहरिस्त में
उनकी अपनी किताब भूल से रह गई है
तो वह आगबबूला हो गए ।

वह अपनी लिखने की मेज़ की तरफ़ भागे ।
गुस्से से तमतमाकर उन्होंने हुक़्मरानों को ख़त लिखा
“ जला दो मुझे ! ”

वह घसीटा मारकर क़लम से लिख रहे थे,
“जला दो मुझे ! “
मेरे साथ ऐसा बुरा न करो।
मेरी किताब जलाने से न छोड़ो ।

क्या मैंने अपनी किताब में सचाई बयान नहीं की है ?
अब तुम मेरे साथ ऐसा बर्ताव कर रहे हो
गोया मैं झूठा हूँ ।

मैं तुम्हें हुक़्म देता हूँ : मुझे जला दो !

अँग्रेज़ी से अनुवाद : विनोद दास