भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"अनअतोली मरिइनगोफ़" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKParichay |चित्र= |नाम=अनअतोली मरिइनगोफ़ |उपनाम=Анато́...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{KKGlobal}} | {{KKGlobal}} | ||
{{KKParichay | {{KKParichay | ||
− | |चित्र= | + | |चित्र=Anatoly Mariengof.jpg |
|नाम=अनअतोली मरिइनगोफ़ | |नाम=अनअतोली मरिइनगोफ़ | ||
|उपनाम=Анато́лий Бори́сович Мариенго́ф | |उपनाम=Анато́лий Бори́сович Мариенго́ф |
01:26, 14 अगस्त 2025 के समय का अवतरण
अनअतोली मरिइनगोफ़

जन्म | 6 जुलाई 1897 |
---|---|
निधन | 24 जून 1962 |
उपनाम | Анато́лий Бори́сович Мариенго́ф |
जन्म स्थान | नीझनी नोवगरद |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
अनअतोली मरिइनगोफ़ रूसी साहित्य में कल्पनावादी कवि, कला सिद्धान्तकार, कथाकार, नाटककार और संस्मरणों के लेखक के रूप में जाने जाते हैं। मरिइनगोफ़ कुलीन यहूदी व्यापारी परिवार में पैदा हुए। हालाँकि इनके पिता ने बाद में आर्थोडाक्स ईसाई धर्म अपना लिया था। इन्होंने बचपन में ही कविताएँ लिखनी शुरू कर दी थीं। स्कूल के अन्तिम वर्ष में ’मिराझ’ (मृगतृष्णा) नाम से एक साहित्यिक पत्रिका निकालनी शुरू कर दी। इक्कीस साल की उम्र में इनका पहला कविता-संग्रह प्रकाशित हुआ, जिसका शीर्षक था -- दिल का प्रदर्शन। संग्रह के प्रकाशन के बाद मसक्वा आ गए और एक प्रकाशन में नौकरी करने लगे, जहाँ इनकी मुलाक़ात कवि सिर्गेय येसेनिन से हुई और इन्दोनों कवियों ने मिलकर रूसी कविता में ’कल्पनावादी कविता आन्दोलन’ की नींव रखी। दोनों कवियों में इतनी गहरी दोस्ती हो गई थी कि इसके बाद वे बरसों साथ रहे और दोनों ने एक-साथ लम्बी-लम्बी यात्राएँ कीं। | |
जीवन परिचय | |
अनअतोली मरिइनगोफ़ / परिचय |