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"इस विशाल ब्रह्माण्ड में / अनस्तसीया येर्मअकोवा / अनिल जनविजय" के अवतरणों में अंतर
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इस विशाल महाविशाल ब्रह्माण्ड में | इस विशाल महाविशाल ब्रह्माण्ड में | ||
− | + | अब तुमसे कभी नहीं मिलूँगी, यार | |
इसलिए कहती हूँ साफ़ साफ़ — | इसलिए कहती हूँ साफ़ साफ़ — | ||
− | यह आशा रखना भी | + | यह आशा रखना भी है बेकार । |
काश ! मैं समय के हिस्से बन जाऊँ | काश ! मैं समय के हिस्से बन जाऊँ |
22:27, 14 अगस्त 2025 के समय का अवतरण
इस विशाल महाविशाल ब्रह्माण्ड में
अब तुमसे कभी नहीं मिलूँगी, यार
इसलिए कहती हूँ साफ़ साफ़ —
यह आशा रखना भी है बेकार ।
काश ! मैं समय के हिस्से बन जाऊँ
और अतीत के पदचिह्नों में घूम आऊँ
जो नष्ट हो चुका, भूल चुके जिसे, उसे खोज लूँ
और उसे फिर से नींद से जगाऊँ ।
2011
मूल रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय
लीजिए, अब यही कविता मूल रूसी भाषा में पढ़िए
Анастасия Ермакова
В этой огромной вселенной
В этой огромной вселенной
Мне не встретить уже больше тебя.
И я скажу откровенно:
Надеюсь зря.
Мне бы стать отрезками времени
И по следам прошлого пройтись.
Отыскать забытое бренное
И попробовать его воскресить.
2011