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"शायरी और फिर / चरण जीत चरण" के अवतरणों में अंतर
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रोज बढ़ती गई बेबसी और फिर
लफ्ज होने लगे शायरी और फिर
वक्ते-रुखसत पलटकर तो देखा मगर
सिर्फ इतना कहा फ़िर कभी और फिर
उसकी आँखों में सूखे हुए अश्क थे
मेरी आँखों में थी तिश्नगी और फिर
एक दिन उससे अंतिम मुलाकात थी
दोस्त थे हम हुए अजनबी और फिर
उसने नंबर लिया बात की फ़िर मिली
पहले-पहले तो ख़ुश हुई और फिर
उसके जाते ही सारा सफ़र बुझ गया
एक सिगरेट-सी बस जली और फिर